प्रधानन्यायाधीस संविधान के बारे में अब फैसला मे ही कुछ बोलेगें ।
प्रधानन्यायाधीश खिलराज रेग्मी ने सर्वोच्च के फैसला विरुद्ध म्याद बढाने की सरकार के निर्णय के बारे मे कुछ कहने से ईन्कार किया है। उन्होने कहा है कि हमने पहले भी फैसला मे ही सुनाया है और अब जब अदालत मे आयेगा तो फैसला मे बोलुगां। सर्वोच्च ने संविधानसभा का म्याद जेठ १४ के बाद स्वतः विघटन होने का निर्णय सुनाया था ।
प्रधानन्यायाधीस सहित सर्वोच्च के वरिष्ठ ५ न्यायाधीश का विशेष इजलास ने मंसिर(अगहन) ९ गते जेठ १४ के अन्दर ही संविधान जारी करने को नही तो संविधान स्वतः विघटन होने का आदेश सरकार और संसद के नाम जारी किया था ।