स्वास्थ्य अधिकार अभिमुखीकरण गोष्ठी सम्पन्न
नेपालगञ्ज,(बाके) पवन जायसवाल, २०७४ कार्तिक १८ गते ।
बाके जिला के नेपालगञ्ज में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा स्रोत केन्द्र (रेस्फेक) काठमाण्डौं की सहयोग में और स्वास्थ्य अधिकार तथा सुर्ती नियन्त्रण जिला सञ्जाल, बाके की आयोजन में स्वास्थ्य अधिकार उल्लंघन घटना अध्ययन की बारे में कार्तिक १६ गते को एक दिवसीय अभिमुखीकरण गोष्ठी वाइन डाइन कटेज में सम्पन्न हुआ ।
वह कार्यक्रम में स्वास्थ्य अधिकार उल्लंघन घटना अध्ययन गोष्ठी में सहभागियों ने कहा नेपाल में सर्वसाधारण नागरिक लोग नेपाल की संविधान में मौलिक हक के रुप में स्थापित हुआ स्वास्थ्य सेवा सहज तरीका से सेवा नही पा रहे है स्वास्थ्य अधिकार उल्लंघन की घटना क्रम बढते ही जा रही है घटना को मिलाकर ईस वर्ष पुस्तक के रुप में प्रकाशित करने की जानकारी दी गई ।
वह अवसर में जिला जनस्वास्थ्य कार्यालय बाके के जनस्वास्थ्य अधिकृत सरोज कुमार शाह ने जिला की स्वास्थ्य सेवा अवस्था की जानकारी देते हुये कहा गर्भवती महिलाए“ नियमित रुप में स्वास्थ्य केन्द्र या अस्पताल में अपनी स्वास्थ्य की परीक्षण न कराना, समय में स्वास्थ्य संस्था में न जाना और अन्तिम अवस्था में जाने से यह चालु अवस्था में मौत हुई सौरीवाली महिलाए“ की संख्या ६ पुहु“ची है बताया । बीता वर्ष में ईस की संख्या १८ रही थी । एकदम जटिल रोग की उपचार के लिये निःशुल्क स्वास्थ्य उपचार सेवा की बारे में चर्चा करते हुये सरोज कुमार शाह ने कहा गत वर्ष हृदय (दिल) की रोग की उपचार के लिये मात्र ७१ लोगों जिला जन स्वास्थ्य कार्यालय मार्फत सिफारिस दिया गया था जानकारी दिया ।
जनचेतना की अभाव में हुआ है । इस की न्यूनीकरण करने की उद्देश्य से लागू किया गया है स्वास्थ्य संस्था में सौंरी हुई सौंरी वाली ममहिलाए“ को झोला वितरण करने की बाद स्वास्थ्य संस्था में स्वास्थ्य परीक्षण कराने वाली सौरी वाली महिलाए“ की संख्या एकदम बढते जा रही है जानकारी दी ।
प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा स्रोत केन्द्र (रेस्फेक) काठमाण्डौं के वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकृत रितु प्रधान ने कहा मानव अधिकार की विश्वब्यापी घोषणापत्र १९४८ में उल्लेखित नागरिक तथा राजनैतिक अधिकार अन्र्तराष्ट्रीय अनुवन्धन, आर्थिक, सामाजिक तथा सा“स्कृतिक अधिकार, कर्तव्य और अपव्याख्या करने के लिये नही मिलेगी, भियना घोषणा तथा कार्ययोजना लगाायत नेपाल की संविधान औ मौलिक हक धारा तथा कार्यान्वयन और कर्तव्य की बारे में जानकारी कराये थे ।
उन्हों ने कहा आधारभूत स्वास्थ्य जनताओं की नैसर्गिक अधिकार रही है और निःशल्ुक रुप में जनताओं को स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के लिये राज्य की दायित्व है तथा संवैधानिक रुप में मौलिक हक की रुप में स्थापित स्वास्थ्य सेवा सम्पूर्ण जनता को मिलना चाही यह मान्यता की साथ साथ प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा स्रोत केन्द्र (रेस्फेक) करीब डेढ दशक से इस प्रकार की काम करते आ रही बतायी । नेपाल में स्वास्थ्य अधिकार सम्बन्धि धारा ३५ में किया गया ब्यवस्था प्रत्येक नागरिकों को राज्य से आधारभूत स्वास्थ्य सेवा निःशुल्क प्राप्त करने हक है और कोई को भी भी आकस्मिक स्वास्थ्य सेवा से वञ्चित न करा जाय चर्चा किये थे ।
राष्ट्रीय, क्षेत्रीय तथा अन्र्तराष्ट्रीय सञ्जाल के सक्रिय सदस्य के रुप में भूमिका निर्वाह करते आ रही रेस्फेक देश की ५८ जिलें में स्वास्थ्य अधिकार तथा सुर्ती नियन्त्रण जिला सञ्जाल की गठन हो चुकी है स्वास्थ्य अधिकार और सुर्ती जैसी चीजों को नियन्त्रण करने की अभियान सञ्चालन करते आ रहे है रितु प्रधान ने बतायी ।
स्वास्थ्य अधिकार तथा सुर्ती नियन्त्रण जिला सञ्जाल, बा“के के अध्यक्ष पूर्ण लाल चुके की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ वह गोष्ठी में प्रदेश नं. ५ की फोकल पर्सन डि.बी. खाती ने कहा स्वास्थ्य अधिकार उल्लंघन की घटना अध्ययन के लिये तयार करके हरेक वर्ष “वर्ष पुस्तक” के रुप में प्रकाशित करने की योजना कीे बारे में प्रस्तुति किये थे । स्वास्थ्य अधिकार उल्लंघन की घटना अध्ययन की क्रम में अभी मी स्वास्थ्य सेवा की वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी लेना, राष्ट्र प्रदान किया स्वास्थ्य सेवा की ताकत तथा कमजोरी को पहिचान करना जनता को मिलनेवाली स्वास्थ्य अधिकार प्रत्याभूति कराना और जनता लोग कौन प्रकार की बिना भेदभाव की निः शुल्क स्वास्थ्य सेवा मैंहा पहु“च है कि नही है सम्झने के लिये यह पुस्तक सहयोगी होने की बात बतायी थी । कार्यक्रम में सहभागी रहे रामसुहावन सोनखर लगाायत लोग गोष्ठी में अपनी अपनी बिचार रखे थे तथा स्थानीय समन्वय संस्था ग्रामीण आर्थिक सामाजिक उत्थान केन्द्र की अध्यक्ष लता शर्मा ने गोष्ठी की सञ्चालन की थी ।