Sat. Oct 12th, 2024

आपसी गुटबन्दी और विवादों में उलझी माओवादी पिछले कई दिनों से ना तो स्थाई समिति, ना पोलिटब्युरो और ना ही केन्द्रिय किमटी बैठक ही कर पा रही है । पार्टर्ीीे आंतरिक विवादों को सुलझाने के लिए स्थाई समिति की बैठक बुलाई गई । लेकिन आरोप प्रत्यरोप के बीच ही यह बैठक स्थगित कर आनन फानन में पोलिट ब्यूरो बैठक बुलाई गई । विवादों का निबटारा यहाँ भी नहीं हो सका । पोलिट ब्यूरो बैठक स्थगित कर केन्द्रिय कमीटी की बैठक विवादों के कारण तय समय नहीं हो पाई । दो दिनों के बाद किसी तरह बैठक तो शुरु हुआ लेकिन बैठक के बीच ही प्रचण्ड के खिलाफ वैद्य-भट्टर्राई समूह ने आरोप लगाते हुए काफी हंगामा किया । इतना ही नहीं प्रचण्ड के खिलाफ १५९ सभासदों का हस्ताक्षर सौंपा गया । बैठक शुरु होने के एक घण्टे के भीतर ही बैठक को तीन दिनों के लिए स्थगित करना पडा ।
तीन दिनों बाद भी बैठक शुरु होने का कोई आसार नहीं दिखा । केन्द्रिय कमीटी बैठक में महासचिव रामबहादुर थापा बादल ने आन्तरिक विवाद को सुलझाने के अलावा वर्तमान सरकार में भेजे गए मंत्रियों को वापस बुलाकर समावेशी आधार पर मंत्री भेजे जाने, नई सरकार गठन, पार्टर्ीीें कार्यविभाजन आदि के बारे में चर्चा के लिए एजेण्डा पेश किया था ।
सेना समायोजन की मोडालिटी, संख्या पद निर्धारण आदि के बारे में भी चर्चा करने के लिए एजेण्डा बनाया गया था । पार्टर्ीीें बढÞते विवादों के बीच केन्द्रीय कमीटी की बैठक में प्रचण्ड ने अपने आलोचकों व विरोधियों को जमकर कोसा । उन्होंने अप्रत्यक्ष रुप से बिना नाम लिए मोहन वैद्य पर शान्ति प्रक्रिया व संविधान सभा को भंग करने का आरोप लगाया तो बाबुराम भट्टर्राई को दक्षिणपंथी शक्तियों के चंगुल में फँसकर षड्यन्त्र रचे जाने का आरोप लगाया । केन्द्रीय कमीटी की बैठक में प्रचण्ड ने अपने खिलाफ एकजुट हो रहे वैद्य-भट्टर्राई पक्षधर नेताओं को द्वारा किए गए हस्ताक्षर अभियान को चुनौती देते हुए महाधिवेशन को अपनी ताकत दिखाने की बात भी कही । तीन दिनों के लिए स्थागित की गई केन्द्रीय कमीटी की बैठक चौथे दिन भी नहीं हो पाई । लेकिन प्रचण्ड, वैद्य व भट्टर्राई अपने पक्षधर नेताओं के साथ अलग-अलग बैठक की ।
प्रचण्ड पक्षधर नेताओं ने उन्हें सुझाव दिया है कि वैद्य पक्षधर नेताओं पर पार्टर्ीीेडक्वार्टर के खिलाफ बोलने के लिए अनुशासनात्मक कार्रवाही की जाए । सूत्रों के मुताबिक प्रचण्ड इस योजना पर काम कर रहे हैं कि वैद्य पक्षधर सीपी गजुरेल, देव गुरुंग, नेत्र विक्रम चन्द को पार्टर्ीीे निष्कासित कर दिया जाए । इसके लिए प्रचण्ड पक्षधर नेता बहुमत जुटाने का प्रयास कर रहे हैं । वैसे तो कई नेता प्रचण्ड को मोहन वैद्य को भी बाहर का रास्ता दिखाने का सुझाव दे रहे हैं लेकिन प्रचण्ड को मालूम है कि वैद्य को निकालना इतना आसान नहीं है । इसलिए मोहन वैद्य को न्यूट्रीलाइज कर बाँकी तीनों नेताओं पर कार्रवाही की जाए ।
उधर वैद्य पक्षधर नेता भट्टर्राई खेमे के साथ मिलकर प्रचण्ड को संसदीय दल के नेता पद से हटाने की तैयारी कर रहे है । केन्द्रीय कमीटी की बैठक में प्रचण्ड के खिलाफ २३६ में से १५९ सभासदों का हस्ताक्षर सौंप कर प्रचण्ड के संसदीय दल में बहुमत होने का दावा की हवा निकाल दी है । वैद्य पक्षधर सीपी गजुरेल ने तो र्सार्वजनिक रुप से ही प्रचण्ड को संसदीय दल के नेता पद से हटाने की बात कह दी है । सूत्रों के मुताबिक वैद्य पक्षधर नेताओं ने भट्टर्राई से नेता पद के लिए उपनेता में देव गुरुंग या सीपी गजुरेल को बनाने का प्रस्ताव भी किया है । हालांकि इस बात पर अभी भट्टर्राई ने पूरी तरह हावी नहीं भरी है लेकिन समय आने पर प्रचण्ड को संसदीय दल के नेता पद से हटाने के वैद्य से समझौता कर सकते है ।
पार्टर्ीीी केन्द्रीय बैठक से पार्टर्ीीे विभाजन होने या ना होने की बात तय हो जाएगी । अब देखना है कि केन्द्रीय कमीटी से लेकर महाधिवेशन तक पार्टर्ीीें विभाजन आता है या फिर कुछ नेताओं पर कार्रवाही कर पार्टर्ीीे विवादों को और हवा दी जाती है । या फिर हमेशा की तरह सभी विवादों को हटाते हुए तीनों नेताओं की मांग को समेटते हुए पार्टर्ीीई रणनीति के साथ आगे बढÞती है ।



About Author

आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Loading...
%d bloggers like this: