लालू को चारा घोटाले में पूर्व पीएम देवगौड़ा ने फंसवाया : डा. मिश्र
हिमालिनी के लिए मधुरेश प्रियदर्शी की रिपोर्ट, पटना{बिहार} — राजद प्रमुख लालू प्रसाद को चारा घोटाले में तत्कालीन प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने फंसवाया। रांची के सीबीआई की विशेष कोर्ट के द्वारा देवघर के चारा घोटाला मामले में फैसला दिये जाने के बाद इस मामले में मुक्त हुए पूर्व मुख्यमंत्री डा. जगन्नाथ मिश्र ने आज यह बड़ा बयान देकर बिहार और देश का राजनैतिक तापमान बढ़ा दिया। अपने बयान में उन्होंने खुद के बारे में कहा है कि तत्कालीन कांग्रेस के अध्यक्ष सीताराम केसरी ने उन्हें चारा घोटाले में लपेटवा दिया। इस बयान के आने के बाद राजधानी के राजनीतिक हल्के में यह चर्चा दिन भर गर्म रही। डा. मिश्र ने कहा कि चारा घोटाला मामले में लालू का नाम आने के बाद देवेगौड़ा चाहते थे कि लालू इस्तीफा दें, लेकिन वे इसके लिए तैयार नहीं थे। इसके बाद देवेगौड़ा ने ही लालू को इस मामले में फंसवाया।
श्री मिश्र ने खुद के बारे में कहा कि उन्होंने चारा घोटाले में आरोपी बनाए गए श्याम बिहारी सिन्हा के सेवा विस्तार के लिए सिफारिसी पत्र लिखा था, जिसे बहाना बनाकर सीताराम केसरी ने उन्हें फंसवाया। पूर्व सीएम ने कहा कि वर्ष 1996 में केंद्र में संयुक्त मोर्चा की सरकार कांग्रेस के समर्थन से बनी थी। उस समय कांग्रेस में सीताराम केसरी का कद ऊंचा था। लालू से उनके संबंध अच्छे थे, इसलिए उनका नाम इस केस में डलवा दिया। डा. मिश्र ने लालू के पुत्र द्वारा इस फैसले को जातीय रंग दिए जाने पर आश्चर्य जताया है औऱ कहा है कि इससे न्यायपालिका की निष्पक्षता पर सवाल उठेगा, जो कतई नहीं होना चाहिए। दूसरी ओर श्री मिश्र के पुत्र व पूर्व मंत्री नीतीश मिश्रा ने कहा कि राजद नेताओं की बयानबाजी न्यायपालिका का अपमान है। इस तरह के बयान से सामाजिक वैमनस्य बढ़ेगा और जातीय उन्माद को भी हवा मिलेगी। यहां बता दें कि फैसला आने के बाद लालू के पुत्र तेजप्रताप ने ट्वीट कर कहा था कि अगर उनके पिता भी लालू प्रसाद मिश्रा होते तो कोर्ट उन्हें बरी कर देती। बिहार के पूर्व सीएम डा. मिश्र के इस बयान को राजनैतिक प्रेक्षक अलग-अलग नजरिए से देख रहे हैं।