गांवपालिका की शिक्षा नीति के संबंध में विचार–विमर्श
पवन जायसवाल, नेपालगञ्ज/(बाँके)
बाँके जिला स्थित जानकी गावँँपालिका द्वारा तैयार शिक्षा नीति संबंधी मस्यौदा के संबंध में गत सोमवार विद्यालय के प्रधानाध्यापकों से विचार–विमर्श की गई है । कार्यक्रम के अवसर पर जानकी गावँपालिका के अध्यक्ष रामनिवास यादव ने कहा कि गुणस्तरीय शिक्षा को मध्येनजर करते हुए नीति बनाने की कोशीश की गई है । उन्हो ने कहा– ‘गावँपालिका में शिक्षा की अवस्था सुधार्ने की जिम्मेदारी आप लोगों का भी है । सभी से सकरात्मक सुझाव का अपेक्षा करता हूं ।’
उनका मानना है कि स्थानीय सरकार का मतलव सिर्फ जनप्रतिनिधि और कर्मचारी ही नहीं, स्थानीयबासी भी है । इसीलिए उन्होंने शिक्षा से सरोकार राखेनवाले सभी विज्ञोें से विचार–विमर्श कर सुझाव देने के लिए आग्रह किया । अध्यक्ष यादव ने कहा– ‘विद्यालय में पढाने वाली बात घर की काम नहीं है, सिकाईस्तर चाहिए, उसके लिए भौतिक पूर्वाधार और आर्थिक अवस्था में भी सुधार करना चाहिए ।’ उन्हों ने कहा कि सिर्फ जनप्रतिनिधियों कि चाहत से शिक्षा में आमूल परिवर्तन नही होगी, उसके लिए शिक्षक, अभिभावक, विद्यार्थी, कर्मचारी सभी लोगों की सहयोग आवश्यक है ।
इसीतरह जानकी गांवपालिका के उपाध्यक्ष भूमिसरा धिताल ने कहा कि शिक्षा की समस्या शिक्षकों को ज्यादा मालूम होता है, इसीलिए गुणस्तरीय शिक्षा के के लिए आवश्यक कामों के संबंध में प्रधानाध्यापकों को ही कुछ करना होता है । उन्हों ने यह भी कहा कि शिक्षा की गुणस्तर वृद्धि के लिए शिक्षा नीति भी आवश्यक है । उनका मानना है कि शिक्षा नीति बनाते वक्ता शिक्षक, विद्यार्थी व अभिभावक प्रति कोई भी पूर्वाग्रही नहीं होना चाहिए ।
कार्यक्रम में त्रिभुवन विश्वविद्यालय के सह–प्राध्यापक कृष्णकुमार लम्साल ने शिक्षा नीति कार्यक्रम पर जोर देते हुए कहा कि विद्यार्थी भर्ना अभियान भी प्रभाकारी बनाना चाहिए । इसीतरह नेपाल राष्ट्रीय शिक्षक संगठन जानकी गावँपालिका के अध्यक्ष द्रोण थापा ने कहा कि शिक्षा नीति की मस्यौदा प्रधानाध्यापकों की बीच लाकर विचार–विमर्श करना खुशी की बात है । कार्यक्रम में जानकी गावँपालिका स्थित ३ माध्यमिक विद्यालय, ६ आधारभूत विद्यालय सहित कूल ४५ विद्यालयों से आए प्रतिनिधियों की सहभागिता रही ।