प्रदेश नंं. २ में नागरिक खबरदारी के लिए क्रियाशील नागरिकों के बीच विचार–विमर्श
सर्लाही, २ अगस्त । प्रदेश नं. २ स्थित ८ जिलों के क्रियाशील नागरिकों ने सर्लाही में एक भेला आयोजन किया है । भेला का उद्देश्य प्रदेश नं. २ में नागरिक निगरानी की अवाश्यकता संबंधी रहा । वरिष्ठ पत्रकार चन्द्र किशोर के संयोजन में भेला आयोजन की गर्इ है । उक्त भेला में प्रदेश नं. २ में संवैधानिक अभ्यास, आर्थिक अवस्था, वातावरणीय ह«ास और बदलते सामाजिक सम्बन्ध के बारे में विचार–विमर्श की गई है । विचार–विमर्श के बाद सहभागियों ने निष्कर्ष निकाला है कि प्रदेश नं. २ में नागरिक खबरदारी की आवश्यकता जरुरी है ।
सहभागी क्रियाशील नागरिकों का कहना है कि स्थानीय और प्रदेशिक सरोकार का सवाल, प्राथमिकता की पहचान की आवश्यकता है और उक्त विषयों में सार्वजनिक पहरेदारी भी होना चाहिए । भेला के बाद जारी विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘संघीय सरकार की काम–कारवाही और संविधान कार्यान्वयन की अवस्था, नागरिक मैत्री बनाने के लिए तथा बदलते परिवेश में समावशी लोकतन्त्र को सुदृढ बनाने के लिए प्रदेश नं. २ में पहरेदारी और निरन्तर नागरिक खबरदारी सशक्त होना जरुरी है ।’
भेला ने ९ सूत्रीय सर्लाही घोषणापत्र जारी किया है । जारी घोषणापत्र में कहा गया है कि प्रादेशिक अभ्यास के क्रम में जो संवैधानिक अस्पष्टता, बिलम्ब और अन्यौलता दिखाई दिया है, उस को अन्त करने क लिए संविधान में संशोधन आवश्यक है, जो तत्काल होना चाहिए । इसके लिए संघीय सरकार तथा संसद्को पहल करने के लिए भी कहा गया है । संघीयता को मजबूत बनाने के लिए प्रदेश नं. २ में स्थित ८ जिलों की सामथ्र्यता और विविधा को आत्मसात करने के लिए आग्रह करते हुए घनीभूत सम्वाद के लिए भेला ने जोर दिया है । घोषणपत्र में यह भी उल्लेख है कि केन्द्रीय शासकीय अभ्यास में विद्यमान वेथिति और तदर्थवाद है । उस को निष्प्रभावी बनाते हुए प्रदेश नं. २ में सुशासन कायम करने के लिए घोषणापत्र में कहा है ।
इसीतरह स्थानीय सरकार की योजना निर्माण, गरीब ताथा सीमान्तकृत समुदायों के लिए प्राथमिकता, समृद्धि की आधार, प्राकृतिक स्रोत–साधनों की दोहन, वातावरणीय ह«ास, विकास के लिए विभिन्ने मॉडल, विकास के सूचकांक में पीछे रहे जिला, समावेशी कानुन तथा नीति नियम, चुरे श्रृंखला पहाड और मधेश, प्रादेशिक उत्पादन, हुलाकी राजमार्ग, भारत के साथ रहे खुला सीमा, स्थानीय समुदायों की चाहत आदि के बारे में घोषणापत्र में चर्चा की गई है ।
नागरिक भेला में सप्तरी से भोला पासवान, विष्णु मण्डल, शिवहरि भट्टराई, सिरहा से अशोक कामती, धनुषा से डा. सुरेन्द्र झा, डा. भोगेन्द्र झा, उर्मिला यादव, शबनम खातुन, किशोरी साह, महोत्तरी से ध्रुव राय, सर्लाही से रजनीकान्त झा, महेन्द्र प्रसाद कर्ण, यामिनी कुमार दीप, सरस्वती सुब्बा, लक्ष्मीसिंह दनुवार, जयशंकर सिंह, कुशहरी मैनाली, रौतहट से रामनरेश यादव, बारा से देवेन्द्र गिरी, राजेश्वर चौरसिया, प्रेमलाल चौधरी, पर्सा से निभा सिंह, रामेश्वर सेढाई, चिन्द्रकिशोर, भरत सहनी सहभागी थे ।