लाहान पुलिस की लाचारी या फिर बीमारी ? चोरी से कहीं सीनाजोरी तो नहीं?
— स्थानीय मनोज बनैता । लाहान ।

मौसम बदलते ही लाहान ईलाका प्रहरी कार्यालय के अफिसर बदले पर बदल ना पाया यहाँ का माहौल । अक्सर लोग बाते करते है कि नयाँ पुलिस अफिसर उनलोगो की शान्ति सुरक्षा की ब्यवस्था करेगी लेकिन ये हो नहीं पाता है । अगर सिर्फ चोरी की ही बात करे तो लाहानका नाम देशभर मे बदनाम होते जारहा है । चोरी की घटना दिनो दिन बढती जा रही है । लाहान पुलिस का अनुसन्धानका तो बात ही कुछ निराली है । चोरी हुवे महिनो वाद भी चोर का पता नही लगा पारहा है । और फिर क्या चोरी के फाईल दराजमे कैद कर दिया जाता है । अगर आप पुलिस को दवाव दे तो कहता है “चोरको पता लगाना बहुत मुस्किल है ।” अगर आप उनके बात से सन्तुष्ट नही है तो वह अपने नेपालभर के अफिसर के घर मे हुवे चोरी का उदाहरण देङ्गे । ताज्जुब की बात तो यह है कि कभी कभार तो पुलिस स्टेशन के कम्पाउन्ड भीतर रहे मोटरसाइकल भी चोरी हो जाती है पर पुलिस को भनक तक नही लगती है । सुरक्षा ब्यवस्था के पहरेदार नेपाल पुलिस की गहरी नीद नजाने क्या मिसाल कायम करनेवाली है । १३ गते रात हाईवे स्थित “हाम्रो मोवाईल” दुकान मे हुवे चोरी के कारण लाहान के ब्यापारी अशुरक्षा महसुस कर रहे है । ब्यापारीयो का कहना है कि थाना से सिर्फ १० कदम दूर रहे मोबाईल दुकान मे चोरी होना पुलिस के जमीर पर कई सवाल खडा कररहा है । संचालक धनन्जय गुप्ता के अनुसार अगर पुलिस चाहे तो चोरीपर पुर्ण रुप से लगाम कसी जा सकती है पर यहाँ पुलिस भी दूध के धुले नही दिख रहे है । कुछ महीना पहले लाहान के एक पत्रकार के घर से मिडियाका सामान चोरी हुवा पर अबतक चोरीका सामान और चोर नही मिलसका है । स्थानीय लोग इस बात से चिन्तित है कि आखिर पुलिस इतनी लाचार कैसे? कई लोग तो लाचारी को भ्रस्टाचार के बीमारी के रुप में भी देखरहे है । एक किराना दुकानके संचालक दिलिप पुर्वे पुलिस के ईस रवैए पर निशाना साधते कहा कि चोर और पुलिस कहीं भाई-भाई तो नही?