तुम्हारे ख़्वाब से हर शब लिपट के सोते हैं सज़ाएँ भेज दो हम ने ख़ताएँ भेजी हैं : गुलजार
गुलज़ार जी का नाम हिंदी व उर्दू जगत में कौन नहीं जानता इनका पूरा नाम समपूरन सिंह कालरा है इन्होने कई हिंदी फिल्मो के लिए भी कई गीत लिखे है जिसकी वजह से आज यह पुरे विश्व में जाने जाते है | इनका जन्म 18 अगस्त 1934 में पकिस्तान में हुआ था इन्होने अपनी रचनाओं को हिंदी, उर्दू व पंजाबी में भाषाओ में लेखन किया है |
तुम्हारे ख़्वाब से हर शब लिपट के सोते हैं
सज़ाएँ भेज दो हम ने ख़ताएँ भेजी हैं
आदतन तुम ने कर दिए वादे
आदतन हम ने ऐतबार किया
तेरी राहो में बारहा रुक कर
हम ने अपना ही इंतज़ार किया
अब ना मांगेंगे जिंदगी या रब
ये गुनाह हम ने एक बार किया
तेरी यादों का कारोबार,
मुनाफा कम है,
पर गुज़ारा हो ही जाता है…
अपने माज़ी की जुस्तुजू में बहार
पीले पत्ते तलाश करती है