वि.सं. २०७५ः मधेश आन्दोलन से मुक्त मधेश !
काठमांडू, १५ अप्रील । तराई–मधेश में कोई न कोई बाहना में हरदम आन्दोलन होता ही रहता है । लेकिन वि.सं. २०७५ में तराई–मधेश में कोई भी आन्दोलन नहीं हुआ । तराई–मधेश में केन्द्रीत रहकर राजनीति करनेवाले राजनीतिक दलों ने वि.सं. २०६४ साल से ही हर साल, हर महीना, कोई न कोई बाहना निकालकर आन्दोलन किया था, लेकिन वि.सं. ०७५ साल में उस में क्रमभंगता हो गई है ।
सत्ता के नेतृत्व कर रहे नेपाल कम्युनिष्ट पार्टी के नेताओं को मानना है कि स्वतन्त्र मधेश के नाम मे आन्दोलन कर रहे सीके राउत समूह भी मूल धार की राजनीति में आने के कारण तत्काल के लिए तराई–मधेश में कोई भी आन्दोलन की सम्भावना नहीं है ।
स्मरणीय है, नाकाबंदी के साथ ६ महीना तक मधेश आन्दोलन हुआ था । जब वि.सं. २०७२ साल में केपीशर्मा ओली प्रथम बार प्रधानमन्त्री बन गए, उसके कुछ समय बाद मधेशवादी दलों ने अपना आन्दोलन वापस किया था । आन्दोलन वापस होने के बाद भी संविधान संशोधन संबंधी मांग रखते हुए छोटी–मोटी प्रदर्शन होता आ रहा था । यह समाचार आज प्रकाशित गोरखापत्र दैनिक में है ।