कामाख्या मंदिर, जहाँ नहीं है काेई प्रतिमा विश्व प्रसिद्ध अंबुबाची मेला 22 जून शनिवार से शुरू
विश्व प्रसिद्ध अंबुबाची मेला 22 जून यानी शनिवार से शुरू हो चुका है, इस वजह से 51 शक्तिपीठों में से सबसे महत्वपूर्ण कामाख्या देवी के दर्शनों के लिए दुनिया भर से लोग गुवाहाटी से कामाख्या पहुंचेंगे। नीलांचल पर्वत पर स्थित कामाख्या मंदिर के बारे में बहुत से ऐसे तथ्य हैं, जिससे लोग अनभिज्ञ हो सकते हैं।
इस मंदिर में मां शक्ति की कोई प्रतिमा नहीं है। यहां पर मां के योनि भाग की पूजा होती है। प्रतीक स्वरूप मंदिर के अंदर एक पत्थर है, उसकी पूजा की जाती है।
आप क्लिक करें यह लिंक मनकामना मन्दिर नेपाल के लिए
कामाख्या मंदिर से जुड़ी कथा
इससे नरकासुर नाराज होकर उस मायावी मुर्गे को मार डाला। हांलाकि बाद में भगवान विष्णु ने नरकासुर का वध कर दिया। बताया जाता है कि नरकासुर का अत्याचार बढ़ गया था, तब महर्षि वशिष्ठ के श्राप से देवी कामाख्या की शक्तिपीठ वहां से विलुप्त हो गई। मंदिर के अंदर पत्थर की प्रतिकृति है, जिसकी पूजा होती है।