भूकम्प का सिलसिला जारी : जापान और दक्षिण फिलीपिन्स में भूकम्प के झटके
हांग कांग/मनीला, एजेंसी।
जापान और दक्षिणी फिलीपींस में शनिवार को भूकंप के तगड़े झटके महसूस किए गए। जापान (Japan) के नाजे (Naze) से 169 किलोमीटर उत्तर पश्चिम में 6.1 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया। वहीं दक्षिणी फिलीपींस में 5.8 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया जिसमें कम से कम 25 लोग घायल हो गए और कुछ इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं। तड़के आए इस भूकंप से घबराकर लोग अपने घरों को छोड़कर भाग गए।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ (Xinhua news agency) ने बताया कि अमेरिकी जीओलॉजिकल सर्वे (US Geological Survey) ने बताया कि भूकंप का केंद्र 29.3349 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 128.1371 डिग्री पूर्वी देशांतर पर 242.18 किलोमीटर की गहराई में था। वहीं फिलीपींस में भूकंप पूर्वोत्तर मिन्दानाओ द्वीप तट पर सुबह चार बजकर 42 मिनट पर आया। इसकी तीव्रता 5.8 मापी गई। यह भूकंप 11.8 किलोमीटर की गहराई पर केंद्रित था। भूकंप के बाद कम तीव्रता के तीन झटके महसूस किए गए।
पुलिस प्रमुख लेफ्टिनेंट विल्सन यूनेट ने कहा, ‘भूकंप के केंद्र के समीप स्थित शहर मैड्रिड की पुलिस चौकी में कांच की दीवार टूट गई। अधिकारियों ने मेज के नीचे छिपकर अपनी जान बचाई।’ मैड्रिड के जिला अस्पताल में भी कई दीवारों में दरारें आ गई, जिसके बाद मरीजों को वहां से सुरक्षित बाहर निकाला गया। मैड्रिड के आसपास स्थित चार अन्य शहर भी भूकंप से प्रभावित हुए हैं।
सुरक्षा अधिकारी प्रभावित इलाकों में पीडि़तों तक जल्द से जल्द मदद पहुंचाने की कोशिश में जुटे हैं। बता दें कि प्रशांत के ‘रिंग ऑफ फायर’ क्षेत्र में आने वाला फिलीपींस भूकंप के लिहाज से अति संवेदनशील है। बीते अप्रैल में यहां 6.3 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई थी।
इससे पहले पापुआ न्यू गिनी में गुरुवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इनकी तीव्रता 6.0 मापी गई थी। बीते शुक्रवार की रात करीब साढ़े आठ बजे आए 7.1 तीव्रता के भूकंप से कई इमारतों व सड़कों में दरारें आ गई थी, जबकि कई लोग घायल हो गए थे। इस दौरान गैस पाइप फटने से कई घरों में आग लग गई थी। बीते दो दशक में आया यह सबसे शक्तिशाली भूकंप था।
नेपाल में भी बीते शनिवार शाम को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.8 दर्ज की गई थी। बता दें कि अप्रैल 2015 में नेपाल में आए 7.8 तीव्रता के भूकंप से भारी तबाही मची थी। इस भूकंप का प्रभाव भारत के कुछ इलाकों में भी देखा गया था। इसमें करीब 9000 लोगों की मौत हुई थी जबकि करीब 22 हजार लोग घायल हो गए थे।