डॉ अरुण को मिलेगा पांच लाख रुपये का प्रतिष्ठित विवेकानंद साहित्य सम्मान
“प्राच्य विद्याओं के विशेष अध्ययन एवं शोध” के लिए प्रदान किया जाने वाला पाँच लाख रुपए का “विवेकानंद साहित्य सम्मान” उत्तराखंड के रुड़की निवासी अपभ्रंश भाषा के विद्वान अध्येता डॉ योगेन्द्र नाथ शर्मा “अरुण” को दिया जाएगा।साहित्यकार श्रीगोपाल नारसन ने बताया कि यह सम्मान उत्तराखंड के साहित्य जगत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।उन्होंने इस सम्मान के लिए डॉ अरुण को बधाई दी है।उन्होंने बताया कि केंद्रीय हिंदी संस्थान,आगरा के निदेशक डॉ नंदकिशोर पांडेय द्वारा जानकारी दी गई है कि उत्तराखंड के डॉ योगेन्द्र नाथ शर्मा “अरुण” के साथ ही उत्तर प्रदेश के प्रो ईश्वर शरण शर्मा को भी “विवेकानंद सम्मान” के लिए चुना गया है।
साहित्यकार श्रीगोपाल नारसन ने बताया कि प्राकृत एवं अपभ्रंश भाषा में डीलिट स्तरीय शोध करने वाले डॉ योगेंद्र नाथ शर्मा”अरुण” को गत वर्ष राष्ट्रीय साहित्य अकादमी,नई दिल्ली का “भाषा सम्मान” दिया गया था,जिसमें उन्हें एक लाख रुपए के साथ प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया था।वही डॉ “अरुण” को अपभ्रंश साहित्य अकादमी, जयपुर का प्रतिष्ठित “स्वयंभूदेव सम्मान” दो बार प्रदान किया जा चुका है।
राष्ट्रीय साहित्य अकादमी, नई दिल्ली से डॉ “अरुण” की “अपभ्रंश” एवं “पुष्पदंत” शीर्षक से दो शोध परक पुस्तकें भी प्रकाशित हुई हैं।डॉ अरुण की इस उपलब्धि से उत्तराखंड ही नही देशभर के साहित्यकारों में हर्ष व्याप्त है।केंद्रीय मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक व ब्रह्माकुमारीज के कार्यकारी सचिव बीके मृतुन्जय भाई ने भी डॉ अरुण को इस सम्मान के लिए बधाई दी है।
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