बन जाए जो तानाशाह : शिवनंदन जायसवाल
बन जाए जो तानाशाह : शिवनंदन जायसवाल
बन जाए जो तानाशाह उसे जिंदा जला दो
काटकर सर जमीन पर फुटबॉल मैच करा दो
जल रही आग दुनिया में जो लहक गई है
झोंक कर उस आग में उसे खाक बना दो
जिसे गम ना अपनों का लूट रहा हो इज्जत
उसकी इज्जत पर उसी वक्त आग लगा दो
जो करता हो बलात्कार खुद की बेटियों पर
जिंदा उसके कलेजों पर डोजर चला दो
बेहोश बेमौसमी बनकर मचलता हो रंग में
उस कुकृत्य की अमिट एक इतिहास रचा दो
लूटता है जो करों की सभी श्रमो को
उसके नाम पर विश्व में खूब शोर मचा दो
बहुत देखा है ऐसे हिटलरों को मजा लेते
इस धरती पर न्याय का सही अड्डा जमा दो