महामारी आपदा की इस कठिन घड़ी में राहत सेवा में जुटे युवा नेता ओमप्रकाश सर्राफ
रियाज आलम, २८ अप्रैल। पूरा विश्व कोरोना के कहर से जूझ रहा है । जाहिर तौर पर नेपाल भी इससे अछूता नहीं है । पिछले एक महीने से नेपाल सरकार के द्वारा घोषित लॉक डाउन की वजह से देश का हर हिस्से के गरीब और दिहाडी मजदूर भूख की तकलीफ से पीडि़त हैं । जिन्हें स्थानीय तौर पर कई एक संस्था सहायता पहुँचा रही है ।
ऐसे ही में वीरगन्ज महानगरपालिका के ग्रामीण बस्तियों के लिए, ओम प्रकाश सरार्फ (युवा नेता, समाजिक अभियन्ता, तत्कालीन राजपा के वीरगन्ज के महानगर अध्यक्ष) सहायक बन कर सामने आए हैं । सर्राफ अपनी पूरी टीम के साथ दिन रात एक कर इन गरीब बस्तियों में जाकर राहत सामान वितरित कर रहे हैं ।
कोरोना विरुद्ध करीब ४० दिनों से पूरी निष्ठा के साथ ओमप्रकाश सर्राफ की अगुवाई में इनकी टीम राहत वितरण का काम कर रही है । लाकडाउन से पहले शुरुआती दिनों में इनलोगों ने घर महल्ले में जाकर जनचेताना तथा सफाइृ अभियान चलाया ।
लोगों को कोरोना के संक्रमण से अवगत कराया तथा मास्क, साबुन वितरण किया, विशेष कर दलित और गरीब बस्तियों में जाकर अब तक में इन्होंने ५५०० मास्क और साबुन बितरण किया है, बाद में लाक डाउन से प्रभवित और खास कर दलित और डेरा लेकर रहने वाले मजदूरां, गरीब को राहत बितरण किया जा रहा है, राज्य के राहत से वंचित परिवारों को चुन चुन कर राहत वितरण किया जा रहा है, कोइ भूखा न रहे इसके लिए गली गली बस्ती बस्ती में खुद और कुछ स्वयंसेवक परिचालन कर के उन्हें चावल दाल, तेल आदि राशन सामग्री उपलब्ध कराया जा रहा है, अभी तक ३६० घर परिवार को राहत उपलब्ध कराया जा चुका है और अभी भी राहत कार्य जारी है । मास्क साबुन वितरण में ओमप्रकाश सर्राफ ने स्वयं के ७५ प्रतिशत खर्च में सहयोग किया है । बीरगंज की भोर संस्था ने करीब तीस परिवारों काे सहयोग किया है ।
४० लोगों के लिए चावल समाजसेवी मदन गुप्ता द्वारा उपलब्ध कराया गया है । जसपाल सिह द्वारा दाल तथा बिकि सरार्फ द्वारा आलू उपलब्ध कराया गया है । स्वयसेवक की टीम में किसन सरार्फ, रन्जिट पटेल, सन्जय पटेल आदि का भरपूर सहयोग इन्हें मिल रहा है । आफत की इस घड़ी में आप और आपकी टीम गरीबों असहायों के लिए उम्मीद की किरण और सहयोगी बन कर सामने आई है ।
