उत्पादक देश में जिस किट को मान्यता नहीं, उसका प्रयोग नेपाल में करने की अनुमति
सरकार ने कोरोना परीक्षण का दायरा बढाने के लिए निजी तथा सामुदायिक अस्पताल को र्यापिड डाइग्नोस्टिक किट (आरडीटी) परीक्षण की अनुमति देने का निर्णय करते हुए ९ किट की सूची निकाली है । पर सरकार द्वारा सूचिकृत किट के गुणस्तर पर प्रश्न उठ रहा है ।
निजी और सामुदायिक अस्पताल द्वारा प्रयोग होने वाले ९ किट में से सिर्फ दो को अन्तर्राष्ट्रीय बजार में मान्यता मिली है। बाकी सभी किट उत्पादक देश में ही अस्वीकृत हो चुके हैं ।
स्वास्थ्य तथा जनसंख्या मन्त्रालय द्वारा निर्धारित ९ किट में से ७ चीनी कम्पनी हैं । इसमें से ६ को चीन में ही प्रयोग करने की स्वीकृति नहीं मिली है । मन्त्रालय द्वारा जारी निर्देशिका की सूची में चीन के लेपु मेडिकल कम्पनी के किट को पहले नम्बर में रखा गया है । गत सप्ताह सरकार ने उसी किट का १ लाख थान खरीदा है। १ लाख २५ हजार किट खरीद प्रकिया आगे बढाने के लिए स्वास्थ्य मन्त्रालय के स्वास्थ्य सेवा विभाग को पत्र लिखा गया है ।

किन्तु इस किट के गुणस्तरीयता पर विश्व में सवाल किए गए हैं ।
‘व्यापार के लिए सस्ता माल उठाकर ललाया गया है, यह जनस्वास्थ्य के उपर गम्भीर खिलवाड है’ इपिडिमियोलोजी तथा रोग नियन्त्रण महाशाखा के पूर्वप्रमुख डा. बाबुराम मरासिनी ने कहा है ।
इसी तरह नेपाल में सूचिकृत बेइजिङ केवाइ क्लिनिकल डाइग्नोस्टिक रिएजेण्ट इन्कर्पोरेसन, बेइजिङ वान्टाई बायोलोजिकल फार्मेसी इन्टरप्राइजेज कम्पनी लिमिटेड, नानजिङ भाजाइम बायोटेक कम्पनी लिमिटेट, पानबायो ट्रेडमार्क और सांघाई लियोङ रन बायोमेडिसिन टेक्नोलोजी कम्पनी लिमिटेड द्वारा उत्पादित किट को भी चीन के नेसनल मेडिकल एममिनेष्ट्रसन ने (एनएमएले) स्वीकृति नहीं दी है ।
नेपाल में सूचिकृत जुहाई लिभजोन डाइग्नोस्टिक इन्कर्पोरेसन द्वारा उत्पादित किट को मात्र चीन के एनएमए ने स्वीकृति दी है जो विश्व स्वास्थ्य संगठन के वेबसाइट में प्रकाशित १९ कम्पनी में पडता है ।
इसी लिए अमेरिका के सेलेक्स कम्पनी द्वारा उत्पादित आरडीटी किट को भी वहाँ के फ़ूड एण्ड ड्रग एडमिनिस्ट्रेसन ने आपतकालीन स्थिति में प्रयोग करने की अनुमति दी है ।
नेपाल में अनुमति मिले क्यानडा के बायोक्यान डाइग्नोस्टिक इन्कर्पोरेसन के टेलमी फास्ट नामक किट कम्पनी का प्रोडक्ट क्याटलग में समावेश नही है ।
इपिडिमियोलोजी तथा रोग नियन्त्रण महाशाखाका पूर्वनिर्देशक डा. बाबुराम मरासिनी कहते हैं कि उत्पादक देश में ही मान्यता नही मिले आरडीटी किट को नेपाल में प्रयोग करना घातक सिद्ध हो सकता है ।
विश्व स्वास्थ्य संगठन वा अमेरिका के फ़ुड एण्ड ड्रग एडमिनिस्ट्रेसन द्वारा मान्यता दिए किट के अलावा ये किट गुणस्तरीय नहीं हैं ।
मरासिनी ने कहा है कि अभी नेपाल में कोरोना संक्रमण है कि नहीं तत्काल पता लगाने के लिए आवश्यक आरडीटी किट नही है । जबकि अभी की जरुरत यह है कि हम तत्काल यह जान पाएँ कि संक्रमण है या नही ।
प्रारम्भिक चरण के संक्रमण के जाँच में जो किट का प्रयोग किया गया था उसमें से कई की विश्वसनीयता पर सवाल उठे थे और उसे कई देशों ने मान्यता नही दी थी । भारत में इन्डियन काउन्सिल अफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने र्यापिड डाइग्नोस्टिक किट किस व्यक्ति में कैसे प्रयोग किया जाए इसका गाइडलाइन बनाया है ।
पर, नेपाल में वैज्ञानिक आधार के बिना टेस्ट हो रहा है । जिसके कारण नतीजा सही नही आ रहा है ।