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चीन से एक के बाद एक नए-नए वायरस सामने आ रहे हैं। साल 2019 में सामने आए कोरोनावायरस के बाद मार्च में हंता वायरस ने भी पांव पसारे थे, कोरोना के बाद इस वायरस के बारे में लोग बात कर ही रहे थे, अब एक नए वायरस ने जन्म ले लिया है। इसका नाम ब्यूबोनिक प्लेग बताया जा रहा है। चीन से निकले कोरोनावायरस से दुनियाभर के देश परेशान है, अभी तक इस वायरस से निपटने की न तो वैक्सीन बन पाई है न ही पुख्ता इलाज संभव हो पाया है।

पूरी दुनिया इस महामारी से जूझ रही है। कई देशों की अर्थव्यवस्था पटरी से उतर चुकी है। देश में करोड़ों लोग इस वायरस के संक्रमण के शिकार हैं लाखों लोगों की मौत हो चुकी है। हर देश अपने नागरिकों से एहतियात बरतने की अपील कर रहा है। उसके बाद भी वायरस से संक्रमित होने के रिकॉर्ड रोज टूट रहे हैं।

– कोरोनावायरस

कोरोनावायरस एक ऐसा वायरस है, जिस पर जितनी रिसर्च की जा रही है उतनी ही कम पड़ रही है। इस वायरस की ताकत दुनिया के 250 से ज्यादा देशों ने देख ली है। इस वायरस से इतने ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं, जितने पहले कभी नहीं हुए थे। ये वायरस तरह-तरह से लोगों को नुकसान पहुंचा रहा है इसलिए इस पर रिसर्च भी उतनी ही ज्यादा की जा रही है। अब वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि कोविड-19 से पूरे तंत्रिका तंत्र को खतरा है। वैज्ञानिकों का ये दावा विभिन्न अध्ययनों की समीक्षा के आधार पर किया गया है।

अमेरिका स्थित नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के प्रमुख अनुसंधानकर्ता इगोर कोरलनिक ने कहा कि यह आम लोगों और चिकित्सकों के लिए जानना जरूरी है कि कोविड-19 के संक्रमण का संकेत बुखार, खांसी और सांस संबंधी परेशानियों के लक्षण आने से पहले तंत्रिका तंत्र में विकार के रूप में सामने आता हैं। शोधकर्ताओं के मुताबिक, कोरोना वायरस कई तरीके से तंत्रिका तंत्र में विकार उत्पन्न कर सकता है। बीमारी से दिमाग, रीढ़ की हड्डी और मांसपेशियों सहित पूरा तंत्रिका तंत्र प्रभावित हो सकता है।

– मार्च में आ गया हंता वायरस

कोरोनावायरस के बाद चीन में एक और नए वायरस का पता चला, इसे हंता वायरस का नाम दिया गया। चूहों से फैलने वाले इस वायरस की चपेट में आकर चीन के दक्षिण पश्चिमी राज्य युन्नान में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी जबकि कई लोगों के इससे संक्रमित होने की आशंका जताई गई थी। फिलहाल उसके बाद इसके अधिक मामले सामने नहीं आए, या हो सकता है कि चीनी सरकार ने ये सारे मामले दबा दिए हो जिससे पैनिक न फैलने पाए।

– चूहों से फैलता है यह वायरस

अमेरिका की शीर्ष स्वास्थ्य संस्था सेंटर्स फार डिसीज कंट्रोल एंड प्रेवेंसन के अनुसार चूहों से फैलने वाले इस वायरस से मानव शरीर में कई बीमारियों के लक्षण पैदा हो सकते हैं। यह वायरस मुख्यत: फेफेड़ों को प्रभावित करता है।

– कैसे फैलता है

सीडीसी की रिपोर्ट के अनुसार, अगर कोई इंसान चूहों के मल-मूत्र या लार को छूने के बाद चेहरे पर हाथ लगाता है तो हंता इंफेक्‍शन होने की आशंका बढ़ जाती है। हालांकि, हंता वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं जाता है। हंता के संक्रमण का पता लगने में एक से आठ हफ्तों तक का समय लगता है।

– क्‍या हैं लक्षण

अगर कोई व्यक्ति हंता वायरस से संक्रमित है तो उसे दर्द, बुखार, सर्दी, उल्टी, बदन दर्द जैसी परेशानियां शुरू हो जाती हैं। इससे संक्रमति शख्‍स की हालत बि‍गड़ने पर सांस लेने में परेशानी और फेफड़ों में पानी भरने लगता है। पेटागोनिया में जनवरी 2019 में हंता वायरस के कारण नौ लोगों की मौत हो गई थी। चूहों में पनपने वाला यह वायरस अमेरिका में न्यूव‌र्ल्ड हंता वायरस के नाम से जाना जाता है। चूहों, छछूंदर व गिलहरी की प्रजाति से अलग-अलग हंता वायरस पनपता है। यह उनके मल, मूत्र, लार के संपर्क में आने या उनके काटने से हो सकता है।

– अब सामने आया ब्यूबोनिक प्लेग

उत्तरी चीन के एक शहर में ब्यूबोनिक प्लेग का मामला सामने आया है। यहां इस प्लेग से संक्रमित एक मरीज भी सामने आ गया है। चीन के सरकारी पीपल्स डेली आनलाइन(People’s Daily Online) की एक रिपोर्ट के मुताबिक आंतरिक मंगोलियाई स्वायत्त क्षेत्र, बयन्नुर शहर में ब्यूबोनिक प्लेग को लेकर रविवार को एक चेतावनी जारी की गई, जिसके एक दिन बाद अस्पताल ने संदिग्ध ब्यूबोनिक प्लेग का मामला दर्ज किया। बयन्नुर में ब्यूबोनिक प्लेग की रोकथाम और नियंत्रण के लिए लेवल थ्री की चेतावनी जारी की गई है।

मध्य युग में ब्लैक डेथ (Black Death) के रूप में जाना जाने वाला ब्यूबोनिक प्लेग(bubonic plague) एक अत्यधिक संक्रामक और घातक बीमारी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार यह बीमारी बैक्टीरिया यर्सिनिया पेस्टिस के कारण होती है, जो आमतौर पर छोटे स्तनधारियों और उनके पिस्सू में पाए जाने वाले एक जूनोटिक जीवाणु होते हैं। इनसे रोग के लक्षण एक से सात दिनों के बाद दिखाई देते हैं।

– कैसे फैलेगी बीमारी

यह बीमारी आमतौर पर पिस्सू के काटने से फैलती है जो चूहों, खरगोशों और गिलहरियों जैसे संक्रमित जीवों पर भोजन के लिए निर्भर करता है। चीन में प्लेग के मामले असामान्य नहीं हैं, लेकिन इसका प्रकोप अब यहां लगातार बढ़ता जा रहा है। 2009 से 2018 तक चीन में प्लेग के 26 मामले सामने आए हैं। इस दौरान यहां 11 लोगों की मौत हुई है।

– बीमारी क्या है?

प्लेग के दो मुख्य रूप हैं- ब्यूबोनिक और न्यूमोनिक (जब प्लेग फेफड़ों में तेजी से फैलता है)। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, ब्यूबोनिक प्लेग सबसे आम रूप है। यह अब एक दुर्लभ बीमारी है, साल 2010 से 2015 तक, दुनिया भर में 3,248 मामले सामने आए थे जिनमें 584 मौतें हो गई थीं। इसके अब ज्यादातर मामले लोकतांत्रिक गणराज्य कांगो, मेडागास्कर और पेरू में है।

– इसके लक्षण क्या हैं?

डब्ल्यूएचओ के अनुसार, ब्यूबोनिक प्लेग के लक्षणों में अचानक बुखार आना, ठंड लगना, सिर और शरीर में दर्द और कमजोरी, उल्टी और मतली जैसे लक्षण शामिल हैं।

 



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