रंजन कोइराला रिहाई प्रकरणः पुनारावलोकन संंबंधी मुद्दा आइतबार पेशी में
काठमांडू, २५ जुलाई । पत्नी गीता ढाकाल की हत्या के आरोप में जेल में रहे सशस्त्र पुलिस के पूर्व डीआईजी रंजन कोइराला की रिहाई विवाद में पड़ गया है । सर्वोच्च अदालत के प्रधानन्यायाधीश चोलेन्द्र शमशेर राणा और न्यायाधीश तेज बहादुर केसी के इजलास ने गत आषाढ़ १५ गते सजाया कम करते हुए कोइराला को रिहा करने के लिए निर्णय लिया था ।
सर्वोच्च द्वारा जारी निर्णय के अनुसार ही कोइराला श्रावण ८ गते जेल से मुक्त हो गए । लेकिन उसी दिन महान्यायाधिवक्ता कार्यालय ने मुद्दा पुनारावलोकन के लिए सर्वोच्च अदालत में निवेदन पंजीकृत किया है । सर्वोच्च स्रोत के अनुसार उक्त निवेदन कल आइतबार ही पेशी में चढ़नेवाला है । मुद्दा पुनरावलोकन संबंधी पूरक निवेदन में आइतबार ३ या उससे अधिक न्यायाधिशों की बेञ्च में सुुनुवाई होगी ।
प्रधानन्यायाधीश राणा के ही बेञ्च द्वारा फैसला होने के कारण अब उक्त मुद्दा के संबंध में पेशी तय करने की अधिकार राणा को नहीं है । मुद्दा अब किस के बेञ्च में पड़नेवाला है, यह कल आइतबार ही तय होगी । अब इस मुद्दा की सुनवाई अब ३ या उससे अधिक न्यायाधीशों की बेञ्च में होगी । राजनीतिक वृत्त में प्रधानन्यायाधीश राणा के विरुद्ध महाअभियोग लगाने के लिए भी चर्चा की जा रही है । जनता समाजवादी पार्टी के नेता तथा पूर्व प्रधानमन्त्री डा. बाबुराम भट्टराई ने भी राणा को महाअभियोग लगाने के लिए कहा है ।
स्मरणीय है, अभियुक्त कोइराला ने वि.सं. २०६८ साल फाल्गुन में अपनी पत्नी गीता को हत्या कर पालुङ में ले जाकर शव जलाया था । लेकिन सर्वोच्च ने उनके दो बेटों की भविष्य संबंधी चिन्ता को व्याख्या करते हुए कोइराला को रिहा किया है ।