पुरुषोत्तम अनासक्त -कृष्ण हैं, अव्यक्त में वे व्यक्त -कृष्ण हैं : लक्ष्मण नेवटिया
*_” ईश्वर: परम: कृष्ण:”_*
सर्वेश्वर सर्वशक्तिमान् -कृष्ण हैं,
रासेश्वर रसिकवान् -कृष्ण हैं,
शतत दिव्यतम ज्ञान -कृष्ण हैं,
सर्व आराध्य सम्मान -कृष्ण हैं।
परम साक्षी निर्विकार -कृष्ण हैं,
जगद्गुरु सत्य साकार -कृष्ण हैं,
वैदिक मन्त्र ॐ कार -कृष्ण हैं,
चरमलक्ष्य निराकार -कृष्ण हैं,।
स्वधाहमहमौषधम् -कृष्ण हैं,
अहमग्निरहं हुतम् -कृष्ण हैं,
बहुधा विश्वतोमुखम् -कृष्ण हैं,
निधानं बीजमव्ययम् -कृष्ण हैं।

अतुल्यतेज बलवान् -कृष्ण हैं,
वाक्पटु बुद्धिमान् -कृष्ण हैं,
धैर्यवान् क्षमावान् -कृष्ण हैं,
भक्तजनोंके धनप्राण -कृष्ण हैं।

सर्वभक्ति की अनुरक्ति -कृष्ण हैं,
शक्ति की अभिव्यक्ति -कृष्ण हैं,
अचिन्त्य ऐश्वर्यशक्ति -कृष्ण हैं,
पत्रं पुष्पं की तद्भक्ति -कृष्ण हैं।
परम सृष्टि के संचालक-कृष्ण हैं,
जगपालक, सुशासक -कृष्ण हैं,
विधिविधाता विधायक -कृष्ण हैं,
जनसेवक लोकनायक -कृष्ण हैं।
वे अद्भुत अद्वितीय -कृष्ण हैं,
ऐश्वर्यमय अचिन्त्य -कृष्ण हैं,
सर्वयोगसिद्धि से युक्त -कृष्ण हैं,
सर्वधर्म में जो संयुक्त -कृष्ण हैं।
पृथ्वी, जल, आकाश -कृष्ण हैं,
अग्नि, वायु, विश्वास -कृष्ण हैं,
पुरुषोत्तम अनासक्त -कृष्ण हैं,
अव्यक्तमें वे व्यक्त -कृष्ण हैं।

विराटनगर -९

