राष्ट्रीय विभूति युवाकवि मोतिराम भट्ट की १५४ वीं जन्मजयंती
१९ अगस्त, काठमांडू । राष्ट्रीय विभूति युवाकवि मोतीराम भट्ट की १५४वीं जन्मजयन्ती देशभर विभिन्न साहित्यिक कार्यक्रम आयोजन कर मनाई जा रहा है । इस वर्ष कोरोना वाइरस के संक्रमण को ध्यान में रखते हुए औपचारिक रुप से कार्यक्रम आयोजना नही. की जा रही है ।
विसं १९२३ भाद्र कृष्ण अमवस्या अर्थात् कुशी अमवस्या के दिन जन्मे भट्ट का निधन विसं १९५३ भाद्र कृष्ण अमवस्या अर्थात् कुशी अमवस्या के दिन ही हुआ था । तीस वर्ष के उम्र में ही वे परलोक धिार गये परन्तु अपने कम समय में हीं उन्होंने नेपाली साहित्य के श्रीवृद्धि के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया । नेपाली साहित्य को श्रृंगार रस से भरने वाला युवाकवि भट्ट ने आदिकवि भानुभक्त की जीवनी को पहलीबार प्रकाशित किया । नेपाल में छापाखाना भी उन्होंने ही लाए थे ।
युवाकवि भट्ट ने आदिकवि भानुभक्त द्वारा रचित रामायण विसं १९४१ में छपा कर सार्वजनिक किया था । इत्यादि विभिन्न कार्य उन्होंने नेपाली साहित्य के लिए किए हैं ।

