Sat. Nov 8th, 2025
English मे देखने के लिए क्लिक करें

कुलभूषण जाधव की रिहाई के लिए भारत देगा इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस में चुनौती

इस्लामाबाद, एजेंसियां।

पाकिस्तान में भारतीय नौसेना के रिटायर्ड अधिकारी कुलभूषण जाधव को जासूसी के जुर्म में मौत की सजा दी गई है।  भारत जल्द ही इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस में जाधव की गिरफ्तारी और उनकी मौत की सजा को चुनौती देगा। पाकिस्तान की संसद ने एक ऐसे कानून को मंजूरी दी है, जो जाधव की रिहाई में भारत की मदद करेगा। पाकिस्तानी सरकार को नेशनल असेम्बली में इस बिल को लेकर विपक्ष की कड़ी आलोचना झेलनी पड़ी। बावजूद इसके ये बिल पास होकर कानून बन गया।

गौरतलब है कि पाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने सरकार के पक्ष वाले इस बिल को पास किया है। अब ये कानून पाकिस्तान में कैद भारतीय कैदी कुलभूषण जाधव को अपील का हक देगा। समाचार पत्र ‘डॉन’ में प्रकाशित खबर के मुताबिक, नेशनल असेंबली ने अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (समीक्षा एवं पुनर्विचार) विधेयक, 2020 को शुक्रवार के दिन पारित किया है। इस कानून का मकसद भारतीय नौसेना के रिटायर्ड अधिकारी जाधव इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस के फैसले के मुताबिक राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराना है।

असेंबली में विधेयक पारित होने के बाद, पाकिस्तान के कानून मंत्री फरोग नसीम ने बताया की, अगर वो इस बिल को पास नहीं करते तो भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में चला जाता और आईसीजे में पाकिस्तान के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू कर देता। नसीम ने कहा कि बिल आईसीजे के फैसले को ध्यान में रखकर पारित किया गया है। उन्होंने कहा कि बिल पारित कर उन्होंने दुनिया को साबित कर दिया कि पाकिस्तान एक जिम्मेदार मुल्क है।

यह भी पढें   राष्ट्रपति पौडेल आज स्वदेश लौट रहे हैं

सरकार के पक्ष वाले इस कानून को असेंबली में विपक्ष की कड़ी आलोचना झेलनी पड़ी। बिल पास होने के बाद इमरान सरकार की आलोचना करते हुए पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के सांसद एहसान इकबाल ने कहा कि यह व्यक्ति विशेष बिल था और जाधव का नाम विधेयक के मकसद और वजहों के विवरण में मौजूद था। वहीं पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने भी इस बिल पर कड़ा विरोध जताया है।

यह भी पढें   भारत-नेपाल स्टार्टअप पार्टनरशिप नेटवर्क (इन-स्पैन) के पहले कार्यक्रम के लिए ओरिएंटेशन सत्र आयोजित

कुलभूषण जाधव 51 वर्षीय भारतीय नौसेना के रिटायर्ड अधिकारी हैं। पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने उन्हें जासूसी और आतंकवाद के आरोप में अप्रैल 2017 को दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई थी। भारत ने जाधव को राजनयिक पहुंच न देने और मौत की सजा को चुनौती देने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ आईसीजे का सहारा लिया था। नीदरलैंड्स के शहर द हेग में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस ने जुलाई 2019 में फैसला सुनाया था कि पाकिस्तान को जाधव को गुनेहगार ठहराने और सजा सुनाने संबंधी फैसले की ‘‘प्रभावी समीक्षा और पुनर्विचार” करना चाहिए। साथ ही कोर्ट ने कहा था कि बिना किसी देरी के भारत को जाधव के लिए राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराने देने का भी मौका देना चाहिए।

यह भी पढें   मेरी नेपाल यात्रा : सरोज दहिया

About Author

आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *