जोहरा सहगल जो कभी बूढी नहीं हुई और जो सेक्स को सफलता का राज मानती थीं
जोहरा सहगल, नाम ही काफी है। ये नाम है उस अभिनेत्री और डांसर का जिसने कपूर खानदार की चौथी पीढ़ी तक के साथ काम किया। और अंत में 102 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कहकर चली गई। आज जोहरा सहगल की पुण्यतिथि है। आज ही के दिन साल 2014 में उनका निधन हो गया था। जोहरा सहगल जब तक जीवित रहीं उनकी उम्र भारतीय सिनेमा से एक साल ज्यादा रही।
जोहरा सहगल हिंदी सिनेमा की एक ऐसी अभिनेत्री थीं जो अपनी जिंदादिली से कभी बूढ़ी नहीं हुईं। जोहरा सहगल को भारत की पहली महिला अभिनेत्री माना जाता है जिन्हें अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान मिली।
नवाबी खानदान से ताल्लुक
जोहरा सहगल 27 अप्रैल 1912 को रामपुर रियासत के नवाबी खानदान में पैदा हुईं। उनका पूरा नाम साहिबजादी जोहरा मुमताजुल्ला खान बेगम था।पेड़ों पर कूदना, उधम मचाना, बागों से फल तोड़कर खाना और आसपास गुजरते लोगों को परेशान करना जोहरा के बचपन की आदतों में शुमार रहा।
जोहरा सहगल की जिंदगी बचपन में संघर्षों भरी रही। छोटी उम्र में ही उनकी मां का निधन हो गया। उनकी मां चाहती थीं कि जोहरा लाहौर जाकर पढ़ें तो अपनी बहन के साथ वह चली गईं क्वीन मैरी कॉलेज में दाखिला लेने। कॉलेज में सख्त पर्दा होता था। उन्हें डांस का शौक था। वो जर्मनी के मैरी विगमैन बैले स्कूल में एडमिशन पाने वालीं पहली भारतीय महिला बनीं। तीन साल तक यहां जोहरा ने नए जमाने का डांस सीखा। इस दौरान उनकी मुलाकात भारत के मशहूर नर्तक उदय शंकर से हुई। पारंपरिक नृत्य में दिलचस्पी देख उदय शंकर बहुत खुश हुए और कहा कि वतन पहुंचते ही वह उनके लिए काम देखेंगे।
जोहरा के पति उनसे उम्र में आठ साल छोटे थे। जोहरा और कमलेश्वर की शादी तमाम लोगों को रास न आई। हालात दंगे जैसे बन गए थे लेकिन, बाद में सब मान गए। हिंदुस्तान के बंटवारे की आग इनके घर तक भी आई। दोनों लाहौर पहुंचे और लेकिन लाहौर में उनका जिंदा बचना मुश्किल लगने लगा तो साल भर की बच्ची किरण को लेकर दोनों बंबई भाग आए।
एक इंटरव्यू में जब उनसे पूछा गया था कि इस उम्र में भी उनकी जिंदादिली का राज क्या है? उन्होंने कहा था ह्यूमर और सेक्स। जिंदगी को आगे बढ़ाने के लिए सेक्स बहुत जरूरी है। मैं अब भी सेक्स चाहती हूं।
जोहरा सहगल को भले ही फिल्म और टीवी ने बेशुमार शोहरत दी पर उन्हें बतौर अभिनेत्री थिएटर में संतुष्टि मिलती थी। थिएटर से उन्हें प्यार था हालांकि फिल्में कमाई का अच्छा जरिया थी। आखिरी बार जोहरा सहगल साल 2007 में संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘सांवरिया’ में नजर आई थीं। साल 2010 में भारत सरकार ने जोहरा सहगल को पद्म विभूषण से सम्मानित किया।