भक्ति कृष्ण की है यही, और यही है धर्म ! : डॉo सत्यवान सौरभ
भक्ति कृष्ण की है यही,
और यही है धर्म !
स्थान,जरूरत, काल के,
करो अनुरूप कर्म !!
●●●●●
सब पाखंडी हो गए,
जनता, राजा, संत !
देख दुखी हैं कृष्णा,
धर्म-कर्म का अंत !!
●●●●●
जो देखो वो दे रहा,
सौरभ अब उपदेश !
मिटे किसी के है नहीं,
मन के पाप क्लेश !!
●●●●●
Loading...