वीरगंज डायरी
जितेन्द्र साह:३ सौ द्वारा रक्तदानब्लड बैंक वीरगंज में रक्त का अभाव होने पर स्थानीय युवा वर्ग की अग्रसरता में वृहत रक्तदान कार्यक्रम सम्पन्न हुआ है। ‘रक्तदान कीजिए, जीवनदान कीजिए और समाज में हीरो बनिए’ इस नारा के साथ आयोजित उक्त कार्यक्रम में एक चिनियां नागरिक सहित तीन सौ लोगों ने रक्तदान किया। रक्तदान के सर्न्दर्भ में यह संख्या जिला में स्वयं एक रर्ेकर्ड है।
वीरगंज युवा समाज के अध्यक्ष कमल चौलागाईं और सचिव दिलीपराज कार्की की सक्रियता में स्थानीय माईस्थान मन्दिर में आयोजित रक्तदान कार्यक्रम में नेपाली सेना, नेपाल प्रहरी, सशस्त्र प्रहरी, कर्मचारी, विद्यार्थी सबों की संख्या मिलाकर ३०१ व्यक्ति ने रक्तदान किया। उक्त कार्यक्रम में एसएसपी र्सर्वेन्द्र खनाल, डिएसपी बासुदेव खतिवडा, संजय सिंह, चिनियाँ नागरिक सुतेङ, डा. श्यामसुन्दर दास, अमृता घिमिरे, बिकु अधिकारी, प्रथा श्रेष्ठ, सरस्वती नेपाल आदि व्यक्तियों का योगदान रहा।
कार्यक्रम में प्रमुख जिला अधिकारी कैलास बजिमय, प्रमुख सेनानी धनबहादुर थापा, एसपी पीताम्बर अधिकारी, ब्लड डोनर्स एसोसिएसन के अध्यक्ष शत्रुघ्न नेपाल, नेपाल रेडक्रस सोसाइटी के अरविन्द सिंह आदि गण्यमान्य लोगों की उपस्थिति थी। कार्यक्रम में ज्ञानज्योति, गौतम और कञ्चनजंघा माध्यामिक विद्यालयों के छात्रछात्राओं ने सहयोगी की भूमिका निर्वाह की थी।
रक्तदान कार्यक्रम में एक चिनियां नागरिक की स्वैच्छिक सहभागिता ने रक्तदाताओं के हौसले को बुलन्द किया था।
महोत्तरी शिक्षा कार्यालय
में अनियमितता
महोत्तरी। जिला शिक्षा कार्यालय महोत्तरी में मर्मत के नाम पर कार्यालय के लेखापाल लक्ष्मण राय और ओभरसियर वीरेन्द्र राय की मिलीभगत में दो लाख की रकम अनियमित रुप से खर्च की गई है। कार्यालय के परिसर के अन्दर १० ट्रैक्टर मिट्टी गिराकर दो लाख रुपये का खर्च दिखाया गया है। और जाली बिल बना कर कार्यालय में पेश किया गया है।
शिक्षा कार्यालय के कर्मचारी स्रोत का दावा है कि कार्यालय के ही कुछ कर्मचारी की मिलीभगत में यह भ्रष्टाचार हुआ है। जिस काम में ५० हजार रुपये की भी जरूरत नहीं है, उसके लिए दो लाख रुपैय की रकम खर्च दिखलाना खुलेआम भ्रष्टाचार है, ऐसा वहीं के एक कर्मचारी ने बताया। हालंाकि जिला शिक्षा अधिकारी प्रमोदकुमार साह ने रकम का दुरुपयोग नहीं हुआ है, ऐसा दावा किया है। साथ ही उन्होंने अपने बारे में कहा- मैं नयाँ नयाँ आया हूँ, मुझे यहाँ का मामला समझने में थोडा समय लगेगा और किसी ने यदि गडÞबडÞी की है तो उस पर नियमानुसार कारवाही की जाएगी।
मगर वहीं के कर्मचारी बताते हैं- परिसर के अन्दर मिट्टी गिराना कोई जरूरी नहीं था। इसलिए लेखापाल और ओभरसियर दोनों पर कारवाही होनी चाहिए।