मुझे रोककर सरकार ने अराजकता का प्रदर्शन किया है : निलम्बित प्रधानन्यायाधीश जबरा
काठमांडू, १८ सितंबर । प्रतिनिधि सभा के कार्यकाल समाप्ति के साथ ही सर्वोच्च अदालत में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे निलम्बित प्रधानन्यायाधीश चोलेन्द्र शमशेर जबरा ने कहा है कि यदि उन्हें रोकने के क्रम में कोई हादसा होता है तो इसकी जिम्मेदारी सरकार को लेनी होगी ।
उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें अदालत में नहीं प्रवेश करने की योजना बनाकर सरकार अराजकता की ओर जा रही है ।
जबरा ने जैसे ही अपने सर्वोच्च अदालत में वापस आने का सन्देश भेजा वैसे ही सर्वोच्च परिसर में सुरक्षाकर्मी की तैनाती बढा दी गई । नेपाल बार एशोसिएसन ने जबरा को सर्वोच्च में प्रवेश नहीं करने के बारे में बताया था । लेकिन जबरा ने कहा कि –मुझे रोककर सरकार ने अराजकता का प्रदर्शन किया है ।
उन्होंने कहा कि ‘सर्वोच्च का दरवाजा और मेरे क्वाटर के दरवाजे पर प्रहरी रखकर प्रधानन्यायाधीश को बाहर नहीं निकलने देना है यह योजना बनाकर सरकार ने अराजकता का प्रदर्शन किया है ।
जबरा ने कहा ‘प्रधानन्याधीश को भीड़ यदि प्रवशे नहीं करने देती है तो इसकी जिम्मेदारी सरकार को लेनी होगी । इस तरह अराजकता से होने वाले दुर्घटना की जिम्मेदारी सरकार को लेनी होगी ।’
प्रतिनिधिसभा महाअभियोग सिफारिस समिति ने ९ कारणों को दिखाते हुए निलम्बित प्रधानन्यायाधीश जबरा के उपर लगाए गए महाभियोग के प्रस्ताव की पुष्टि होने पर निष्कर्ष निकाला है ।
लेकिन जबरा ने संसद के कार्यकाल खत्म होने के साथ ही मुभपर लगा महाअभियोग भी निष्क्रिय हो जाएगा ऐसा दाबा किया है । ‘महाअभियोग प्रक्रिया में गया है लेकिन महाअभियोग लगाने वाली संस्था ही अगर नहीं रही तो महाअभियोग भी नहीं रहा ये कहते हुए उन्होंने कहा ‘कि वो संस्था ही नहीं रही तो महाअभियोग भी स्वतः निष्क्रिय हो जाएगी । संविधान में ही ऐसी व्यवस्था है । संस्था के अस्तित्व में नहीं रहने के बाद किसी को भी महाभियोग जारी करने की कोई आवश्यकता नहीं है ।
उनके क्वाटर में भी प्रहरी को रख दिया गया है जिसे जबरा ने ज्यादती हो रही है मेरे साथ कहा है । इस तरह की ज्यादती और अराजकता ठीक नहीं है ।
उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि ‘सरकार ने मुझे घेर लिया है । मैं घर से बाहर नहीं निकल सकूं इसके लिए प्रहरी तैनात कर दिया है । अब इतने सारे प्रहरी और सरकार के आगे मैं अकेला क्या कर सकता हूँ ।