राष्ट्रपति विरुद्ध मुद्दें की सुनवाई अब दशमी के बाद होगी
काठमांडू, २४ सितंबर । नागरिकता विधेयक प्रमाणीकरण के लिए परमादेश मांग कर दर्ता हुई याचिका निवेदन पर अब दशमी के बाद ही सुनवाई होगी । यूँ तो याचिका पर कल यानी शुक्रवार को ही सुनवाई होनी थी लेकिन नहीं हो सकी । गोलाप्रथा द्वारा न्यायाधीश मनोजकुमार शर्मा के एकल इजलास में रखें गए मुद्दों में ये मुद्दा ३२वें नम्बर में था, समयाभाव के कारण रविवार पेसी में चढ़ाने से पाँचों याचिका की सुनवाई शुक्रबार को नहीं हो सकी इसलिए समय आगे बढ़ाई गई है ।
सर्वाेच्च अदालत के प्रवक्ता विमल पौडेल ने बताया कि समय अभाव के कारण सुनुवाइ रविवार तक के लिए आगे बढ़ा दिया है ।संघीय संसद् के दोनों सदन द्वारा दूसरी दूसरी बार भी पारित होकर आए विधेयक को प्रमाणीकरण नहीं करने से राष्ट्रपति विद्यादेवी भण्डारी के निर्णयविरुद्ध अधिवक्ता सागर बराल, अधिवक्ता सुनीलरञ्जन सिंह, अधिवक्ता सुनीलकुमार यादव, देव शर्मा और सोनु रौनियार ने राष्ट्रपति कार्यालय शीतलनिवास को विपक्षी बनाकर मुद्दा दायर किया है ।
संविधान के धारा ११३ (४) में पुनर्विचार के लिए भेजे गए विधेयक को दूसरी बार भी प्रमाणीकरण करने की बाध्यकारी व्यवस्था का उल्लंघन करने के खिलाफ में याचिका निवेदन में राष्ट्रपति के नाम में परमादेश मांग किया गया है ।
नागरिकता जैसे संवेदनशील विषय के साथ जोड़े गए मुद्दा में रविवार को पेशी रखी गई है लेकिन इसकी सम्भावना न्यून है ये जानकारी अदालत के ही कर्मचारियों ने बताया है । फिर न्यायाधीश शर्मा के इजलास में सुनुवाइ के लिए बहुत से मुदद्ें हैं ।
यदि रविवार को सुनवाई नहीं होती है तो ऐसी अवस्था में नागरिकता विधेयक सम्बधी मुद्दा में सुनुवाइ दशमी के बाद ही हो सकेगी क्योंकि सोमबार १० असोज घटस्थापना तक देशभर के अदालत में दशमी की छुट्टियां हो जाऐगी । इस अवधि में बन्दीप्रत्यक्षी करण मुद्दों की ही सुनुवाइ होगी ।
प्रादेशिक पहिचान, स्वघोषणा में लैंगिक समानता, वैवाहिक अंगीकृत में सातवर्षे प्रावधान के विषय सम्बोधन नहीं करने से असन्तुष्ट राष्ट्रपति भण्डारी ने विधेयक गैरसंवैधानिक कहते हुए प्रमाणीकरण नहीं किया है । सत्तागठबन्धन ने संविधान और संसद का घोर अपमान कहते हुए कानूनी लडाई लड़ने का निर्णय किया है । यद्यपि, दलों और सरकार द्वारा औपचारिक रूप में मुद्दा नहीं डाला गया है । दूसरी ओर प्रतिपक्षी एमाले ने राष्ट्रहित में काम कर रही हैं राष्ट्रपति कहते हुए राष्ट्रपति का बचाव कर रही है ।