मानव सेवा आश्रम के लिये नेपालगन्ज में घर घर से मुट्टीदान ।
नेपालगन्ज/(बाँके) पवन जायसवाल । ।देश भर बढती गई आर्थिक मन्दी की बावजूद भी नेपालगन्ज में रहा मानव सेवा आश्रम ने आइतवार से घर घर से मुठ्ठीदान संकलन करने की अभियान शुरु की है ।
नेपनलगन्ज उप महानगरपालिका वार्ड नं.–१० सुर्खेतरोड स्थित रहा मानवसेवा आश्रम में आश्रित बेसहारा लोगों की रेखदेख लालन पालन, स्वास्थ्य लगायत की सेवा ही प्रभावित होने की सम्भावना हो रही है इस लिये नेपालगन्ज बाजार में पहली बार मुठ्ठीदान संकलन अभियान शुरु किया गया है मानवसेवा आश्रम बाँके शाखा नेपालगन्ज संयोजक उर्विन सापकोटा ने यह जानकारी दी है ।
मानवसेवा आश्रम बाँके शाखा नेपालगन्ज संयोजक उर्विन सापकोटा के अनुसार उसी क्रम में आइतवार को धम्बोझी में किया गया मुठ्ठीदान सेवा सञ्चालन के लिये किया गया आव्हान में नगद रु.११ हजार ४ सौ १५÷– और चामल, बिस्कुट, महिलाएँ की पहन्ने के लिये कपडा और चप्पल लगायत की सामाग्रियाँ स्वतःस्फुर्त मानव सेवा आश्रम ने प्राप्त किया है ।
मुठ्ठीदान संकलन करने के लिये मानवसेवा आश्रम के युवा स्वयंसेवीयों में रहे चिरन्जीवी बुढा, दिपिका देवकोटा, सुभाष सिजापति, प्रकृति थापा, अस्मिता देउवा, साहिल खान और छत्र सुनार की टोली ने सहयोग की थी ।
मानवसेवा आश्रम बाँके शाखा नेपालगन्ज की संयोजक उर्विन सापकोटा की अनुसार देश की आर्थिक अवस्था ÷स्थानीय की नेपालगन्ज शाखा की सेवा के बारे में जानकारी कम होने की कारण होगी । सहयोगीदाताओं ने मानवसेवा आश्रम में आने की क्रम घट्ती जा रही है । जिस की सीधा असर आश्रितों में न पडे कहकर स्थापना काल से ही दातृ निकाय ÷दाताओं की सर्त सहित की सहयोग स्वीकार नकरे आदर्श को आत्मसात करते हुये सेवा सञ्चालन करने के लिये नेपालगन्ज बाजार के घर–घर, दोकान –दोकान में मुठ्ठीदान संकलन करने की शुरुआत कियागया है संयोजक उर्विन सापकोटा ने जानकारी दी है ।
मानवता प्रवद्र्धन महाअभियान के रुप में स्थापना और सञ्चालन किया गया है मानव सेवा आश्रम में सडक पेटी और सार्वजनिक स्थलों में अत्यन्त कष्टपूर्ण, दयनीय एवं पीडादायी जीवनयापन करने में विवश सहयोगापेक्षी (बेवारिस, अशक्त, असहाय, अनाथ, अभिभावक विहिन, शारीरिक तथा मानसिक रुप में कमजोर) सडक आश्रित मानव लोगों ने आश्रित हैं ।
मानव सेवा आश्रम २०६९ साल भादौं महीने के १३ गते से ही उद्धार, उपचार, परामर्श एवं पारिवारिक पुनर्मिलन और पुनर्मिलन न होने की कारण से नचल पानेवालों के लिये डड्डी स्वरुप की सहारा बनेकर लालनपालन, औषधोपचार औ र संरक्षण करते आयी है विशुद्ध परोपकारी सामाजिक संस्था हैे । अभी तक यह मानव आश्रम संस्था की १९ जिला में २३ शाखा तथा केन्द्र होकर मानवीय सेवा सञ्चालन करते आ या रही है ।
नेपाल राष्ट्र को ही सहयोगापेक्षी सडक आश्रित मानव मुक्त राष्ट्र निर्माण करने की अभिष्ट रखकर मानवसेवा आश्रम ने सडक मानवओं की मान वोचित व्यवस्थापन के लिये बि.सं. २०७९ वैशाख १ गते से आदर्शनगर, सुर्खेत रोड नेपालगन्ज उप–महानगरपालिका वार्ड नं.– १० सर्खेतरोड स्थित भाडा में लेकर घर में सेवा सञ्चालन की है ।
अभी मानव सेवा आश्रम नेपालगन्ज शाखा में ५१ लोग बेसहारा होकर आश्रम में आश्रित रहे हैं, जिस में १ वर्ष की बालिका से लेकर ८० वर्ष से अधिक उमेर के ५ महिला, ३ बालबालिका और ४५ लोग पुरुष आश्रित रहे हैं । जिस मध्ये ४० लोग मनो सामाजिक समस्या से ग्रसित हैं लेकिन वो लोग ने नियमित औषधि सेवन करते आ रहे हैं ।
संयोजक रुविन सापकोटा के अनुसार मानवसेवा आश्रम की मुख्य आम्दानी की स्रोत के मतलब ही मुठ्ठीदान हैं । आश्रम नेअपनी स्थापना काल से ही दातृ निकायों की सर्त सहित की सहयोग स्वीकार नकरें आदर्श को आत्मसात करते हुये सेवा सञ्चालन करते आ रही है ।
सहयोगी दाताओं ने अपने जन्मदिन, विवाह वर्षगाँठ, संस्था की वार्षिकोत्सव, ब्रतबन्ध, बेटाबेटी की न्वारान, अन्नप्राशन, विभिन्न चाँड पर्व में खुशियाली मनाने की साथ साथ पितृओं की यादगार में भोजन कराना , और स्वेच्छिक सहयोग करने के लिये आये हुये परोपकारी दाताओंकी सहयोग में संस्था सञ्चालन हो रही है ।
मानव सेवा आश्रम की सेवा में २४ घण्टा अभियन्ता, साधक साधिका स्वयंसेवक के रुप में समर्पित रहें है । कुछ प्राविधिक कर्मचारी, स्वास्थ्यकर्मी, सुरक्षा गार्ड लोगों ने आवश्यकता की आधार में न्यूनतम पारिश्रमिक लेकर २४ वीं घण्टा ही मानव सेवा आश्रम के सेवा में लगे रहे है संयोजक रुविन सापकोटा ने जानकारी दी है ।


