हिंदी वह भाषा है जिसमें दूर-दूर से आए शब्दों को भी स्थान मिला है : डॉ रीता कुमार, काठमांडू में हिंदी दिवस
भारतीय राजदूतावास ने मनाया हिंदी दिवस
अंशु झा, १४ सितंबर, काठमांडू। हिंदी दिवस के अवसर पर भारतीय राजदूतावास ने विभिन्न विद्यालयों के विद्यार्थियों के साथ काव्य पाठ कर हिंदी दिवस मनाया।
कार्यक्रम में नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान के अध्यक्ष भूपाल राई ने हिंदी दिवस की शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि हिंदी दिवस नेपाल के लिए भी महत्वपूर्ण है । उन्होंने यह भी कहा, मैं हिंदी समझता हूँ पर बोलने में मुझे थोड़ी सी समस्या होती है फिर भी मैं हिंदी कार्यक्रम में हिंदी में ही बोलने का प्रयास करता रहता हूँ।
कार्यक्रम में हिंदुस्तानी प्रचार सभा, मुम्बई से आए मेहमान विशेष कार्य अधिकारी डॉ रीता कुमार ने कहा कि हिंदी दिवस कोई पोस्टर लगा देने से या कविता पाठ कर लेने नहीं होता। उन्होंने बताया कि सभी भाषाओं को एक सूत्र में हिंदी ही जोड़ती है। उन्होंने यह भी कहा कि हिंदी वह भाषा है जिसमें दूर-दूर से आए शब्दों को भी स्थान मिला है।
भाषा आयोग के अध्यक्ष गोपाल ठाकुर ने हिंदी दिवस की शुभकामनायें देते हुए कहा कि हिंदी सिर्फ भारत की भाषा नहीं है, नेपाल की भी भाषा है। यहाँ हिंदी प्रवासी भाषा नहीं है । उन्होंने कहा कि हिंदी में इतनी ताकत है कि भारत से अंग्रेज को खदेड दिया। उन्होंने प्रतिबद्धता जताई कि हिंदी में किन किन क्षेत्रों में काम हो सकता है इस पर विचार कर भाषा आयोग भी तत्पर है।
इस अवसर पर डॉ आसावरी बापट, डॉ उषा ठाकुर, श्री राकेश कुमार त्रिपाठी, श्री सत्येन्द्र दहिया के साथ हिन्दी साहित्यकारों की उपस्थिति थी।
काव्य पाठ प्रतियोगिता में बच्चों ने बड़े ही उत्साहित होकर हिस्सा लिए साथ ही दुतावास के कुछ कर्मचारियों ने भी काव्य पाठ किया।