संविधान सभा का कार्यकाल चौथी बार ६ महीने बढाने की तैयारी
काठमाण्डू/संवैधानिक समिति के सभापति नीलाम्बर आचार्य ने कहा है कि दलों के बीच सहमति का कार्यान्वयन होने पर ६ महीने के भीतर नयां संविधान बनाकर जारी किया जा सकता है। तीन दल और मधेशी मोर्चा के बीच हुए समझौते से उत्साहित संवैधानिक समिति के सभापति ने दावा किया है कि यदि दलों के बीच इसी तरह की सहमति बरकरार रही तो ६ महीने के भीतर संविधान जारी करने में कोई दिक्कत नहीं आएगी।
राजधानी में आयोजित एक कार्यक्रम मे बोलते हुए नीलाम्बर आचार्य ने कहा कि इस बार संविधान सभा का कार्यकाल ६ महीने के लिए बढाया जाना उपयुक्त होगा़। उन्होंने कहा कि अगले ६ महीने में संविधान जारी होने के बाद देश में नयी चुनाव कराकर उसको व्यवस्थित किया जाना चाहिए।
संवैधानिक समिति में दलों के बीच निर्वाचन प्रणाली और शासकीय स्वरूप पर लगभग सहमति होने का दावा करते हुए समिति के सभापति ने कहा कि इस देश में नए संविधान में मिश्रित प्रणाली अपनाए जाने पर सभी दल लगभग सहमत हैं। राज्य पुनर्संरचना के लिए विशेषज्ञों का समूह बनाए जाने पर संवैधानिक समिति में सहमति होने के बाद अब अन्य विषयों पर भी सहमति बन जाने की उम्मीद उन्होंने जताई है। नीलाम्बर आचार्य का मानना है कि यदि इन विवादित विषयों पर सहमति बन जाए तो अगले एक महीने में संविधान का प्रारम्भिक मसौदा तैयार किया जा सकता है।