वीआईपी के इलाज के लिए एम्स में चलाया जा रहा है प्रोटोकॉल डिवीज़न
विशेष संवाददाता, दिल्ली,14 सितंबर। इस संवाददाता की ओर से पिछले 03 सितंबर को सूचना अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई सूचना के प्रतिउत्तर में दिल्ली स्थित एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) ने अधूरी सूचना भेजी है।
गौरतलब है कि इस संवाददाता ने अपने आवेदन में एम्स के प्राधिकार से संस्थान में चल रहे प्रोटोकॉल डिविजन को लेकर सूचना मांगी थी और पूछा था कि प्रोटोकॉल डिविजन एम्म का कौन सा कार्य करता है और किस कानून के तहत प्रोटोकॉल डिविजन का गठन किया गया था। लेकिन प्राधिकार ने सिर्फ डिविजन के कार्य को लेकर स्थिति स्पष्ट की और कहा कि डिविजन सांसदों, मुख्यमंत्रियों, राज्यपालों, उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालयों के न्यायाधिशों व उनकी ओर से संदर्भित व्यक्तियों के इलाज के लिए डाक्टरों से अपाईंटमेंट तय करता है। यानी बड़े लोगों (वीआईपी) के अपाइंटमेंट फिक्स करने के लिए एम्स में एक विभाग चलाया जा रहा है।
इसके अलावा एम्स के फैकल्टी मेंबर के लिए इंडिया इंटरनेशनल सेंटर व इंडिया हैबिटेट सेंटर में जगह के लिए बुकिंग करवाता है। इसके अलावा एम्स आए विभिन्न प्रतिनिधि मंडल के लिए सुविधा मुहैया करवाता है।
प्रोटकॉल डिविजन को किस कानून के तहत गठन किया गया, इसके जबाव में सूचना देने के लिए जिम्मेदार प्राधिकार कहता है कि उनके पास इस प्रश्न का जबाव देने का उत्तराधिकार नहीं है।