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‘विश्व फलक पर राम’ विषय को लेकर काठमांडू में कार्यक्रम

काठमांडू, मंसिर १३ – कन्हैयालाल माणिकलाल मुशी हिन्दी तथा भाषा विज्ञान विद्यापीठ, डॉ.भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा, श्रीमती बी.डी.जैन कन्या महाविद्यालय, आगरा,बैकुंठी देवी कन्या महाविद्यालय, आगरा अखिल विश्व हिन्दी समिति, कनाडा,कथा,(यू.के.)लंदन ग्लोबल हिन्दी ज्योति कैलिफोर्निया (अमेरिका) हिन्दी वैश्विक संस्थान नीदरलैंडस एवं केन्द्रीय हिन्दी विभाग, त्रिभुवन विश्वविद्यालय काठमांडू (नेपाल) के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय अंतरविषयी अंतराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया । यह आयोजन त्रिभुवन विश्वविद्यालय के नेपाल भारत पुस्तकालय के भवन में मंसिर १२ से शुरु हुआ है । कार्यक्रम का विषय ‘विश्व फलक पर राम’ को लेकर संगोष्ठी का आयोजन किया गया ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा भारत की कुलपति प्रो.आशु रानी ने की ।


कार्यक्रम में अपने स्वागत मतंव्य को रखते हुए केन्द्रीय हिन्दी विभाग, त्रिभुवन विश्विद्यालय की पूर्व विभागीय प्रमुख प्रो. संजीता वर्मा ने कहा कि आज जिस दौर से हम गुजर रहे हैं वहाँ चाहे वह राजनीतिक हो, आर्थिक हो, सामाजिक हो, या फिर धार्मिक हो हर जगह राम की आवश्यकता है । जिन आदर्शो को उन्होंने रखा उसे अपनाना आवश्यक है । लेकिन हम केवल राम का ही गुणगान नहीं करें । जहाँ राम का गुणगान करते हैं वही हमें सीता की भी बात करनी होगी । उन्होंने कहा कि सीतायान पर भी चर्चा करनी होगी ।

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कार्यक्रम में त्रिभुवन विश्वविद्यालय, हिन्दी केन्द्रीय विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ श्वेता दीप्ति ने कहा कि राम हमारी आस्था हैं, हमारा विश्वास हैं । राम यह वो शब्द है जिसका बखान हम इन दो दिनों में कर ही नहीं सकते हैं । इसे कुछ समय या कुछ दिन में व्यक्त नहीं किया जा सकता है । राम सबके राम है । यह बहुत ही सुन्दर संयोग है कि विवाह पंचमी आने वाला है । अयोध्या से बारात आ चुकी है ठीक ऐसे ही समय में ‘विश्व फलक पर राम’ संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है । अपने आप में बहुत सुखद है ।

इसी तरह भारत से आए प्रो.प्रदीप श्रीधर अध्यक्ष, हिन्दी विभाग एंव निदेशक (कन्हैयालाल माणिकलाल मुशी हिन्दी तथा भाषा विज्ञान विद्यापीठ, ने कार्यक्रम में अपने मंतव्य में रामायण के बहुत से प्रसंगों पर बात की । अपने मतंव्य में उन्होंने केवट प्रसंग की चर्चा की और कहा कि रामायण का हर प्रसंग आज की आवश्यकता है ।
कार्यक्रम में भारतीय राजदूतावास, काठमांडू, नेपाल के मिशन उप प्रमुख श्री प्रसन्न श्रीवास्तव ने कहा कि – ‘विश्व फलक पर राम’ विषय पर यह आयोजन भारत और नेपाल के पुरातन सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंधों को और अधिक प्रगाढ़ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाऐगा । उन्होंने कहा कि अगर दोनों देश के बीच इस तरह के कार्यक्रम होते रहे तो भारत नेपाल के आपसी संबंध तो प्रवल होंगे ही साथ ही हमारी साझी सांस्कृतिक धरोहर के प्रचार प्रसार को भी विशेषता प्राप्त होगी ।

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इसी तरह कार्यक्रम में प्रमुख अतिथि के रुप में आए संस्कृति, पर्यटन तथा नागरिक उड्डयन मंत्री मा. ब्रदी प्रसाद पाण्डे ने कहा कि – हम नेपाल और भारत के साथ ही पूरी दुनिया को सुंदर देखना चाहते हैं । नेपाल भारत का संबंध सदैव बना रहे । उन्हाेंने कहा कि हम चाहते हैं कि जनकपुर और अयोध्या को बीच बाई ऐयर जोड़े । हम दिल्ली के अक्षरधाम और मुक्तिनाथ को जोड़ सकें । उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि ये जो हमारा संबंध है वो जनस्तर का संबंध है । ये मंत्री–मंत्री के बीच का नहीं, प्रधानमंत्री –प्रधानमंत्री के बीच का नहीं यह जन स्तरक का संबंध है ।


कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा भारत की कुलपति प्रो.आशु रानी ने कहा कि –रामायण को वज्ञानिक दृष्टिकोण से देखना आवश्यक है । जब रामायण की बात होगी या भारत की बात होगी, भारत के ज्ञान की चर्चा होगी । रामायण के पुष्पक विमान की चर्चा होगी,संजीवनी की चर्चा होगी । रामायण को उसके वैज्ञानिक दुष्टिकोण से देखना जरुरी है ।

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कार्यक्रम में धन्यवाद मंतव्य देते हुए डिल्लीराम संग्रौला (विभागाध्यक्ष संस्कृत,पत्रकारिता एवं हिन्दी पद्यमकन्या बहुमुखी कैंपस त्रिभुवन विश्वविद्यालय) ने इस कार्यक्रम में आने वाले सभी विशिष्ट व्यक्तियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह के कार्यक्रम को समय समय पर करते रहना चाहिए । इससे दोनों देश के बीच सांस्कृतिक, सामाजिक, राजनैतिक, धार्मिक संबंध के साथ साथ साहित्य संबंध भी प्रगाढ़ होंगे ।
इसी तरह कार्यक्रम में नेपाल भारत संबंध को ऊँचाईयों पर पहुँचाने तथा साहित्य में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए चार साहित्याकारों को सम्मानित किया गया । जिनमें डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा भारत की कुलपति प्रो.आशु रानी, प्रो.प्रदीप श्रीधर अध्यक्ष, हिन्दी विभाग एंव निदेशक (कन्हैयालाल माणिकलाल मुशी हिन्दी तथा भाषा विज्ञान विद्यापीठ,डॉ. अनीता कपूर वरिष्ठ साहित्यकार एवं संस्थापक अध्यक्ष, ग्लोबल हिन्दी ज्योति कैलिफोर्निया एवं सुशील कोटवाला हैं ।
कार्यक्रम में चार पुस्तकों का भी विमोचन किया गया । कार्यक्रम में नेपाल भारत के वरिष्ठ साहित्याकारों एवं विद्वदजनों की गरिमामयी उपस्थिति रही । कार्यक्रम का कुशल मंच संचालन नीतिन सेठी (डी.लीट,भारत) ने किया ।

 

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