विश्व हिन्दी दिवस काठमाण्डू मे
कञ्चना झा, काठमाण्डू , १२ जानवरी । भारतीय दूतावास द्वारा काठमान्डू, १२ जनवरी को अन्नपूर्णा होटल में विश्वहिन्दी दिवस के अवसर पर एक वृहत कार्यक्रम आयोजित की गई । कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के पद को नेपाल के उपराष्ट्रपति महामहिम परमानन्द झा ने सुशोभित किया और कार्यक्रम की अध्यक्षता भारतीय राजदूत महामहिम रंजीत राय ने किया ।
उपराष्ट्रपति परमानन्द झा ने भाषा को सजीव बनाये रखने के लिए उसे जीविकोपार्जन से जोड़ने की आवश्यकता पर बल दिया है । भारतीय दूतावास द्वारा आयोजित विश्व हिन्दी दिवस २०१५ के अवसर पर उपराष्ट्रपति झा ने नेपाल में हिन्दी भाषा की स्थिति पर चर्चा करते हुए योजनाबद्ध तरीके से हिन्दी को विस्थापित किये जाने की बात बतायी । हिन्दी भाषा में शपथ लेने के कारण ६ महीने तक संघर्ष करने की कड़वी घटना का स्मरण करते हुए उन्हाेंने कहा– वर्तमान समय में हिन्दी किसी एक राष्ट्र की भाषा न होकर विश्व भाषा बन गई है ।
कार्यक्रम में नेपाल के लिए भारतीय राजदूत रञ्जित रे ने हिन्दी भाषा के विकास के लिए इसे विज्ञान और प्रविधि से जोड़ने की आवश्यकता जताई । उन्हाेंने हिन्दी भाषा को समारोह और संगोष्ठी तक ही सीमित न रखने का भी आग्रह भी किया । भारतीय दूतावास के प्रथम सचिव अभय कुमार ने हिन्दी भाषा के विकास के लिए विभिनन संस्था और व्यक्ति द्वारा हो रहे प्रयास के प्रति आभार प्रकट किया । इसी तरह नेपाल स्थित भारतीय दूताावास अन्तर्गत पी आई सी विंग के अतासे डाक्टर मोहन चन्द ने नेपाल में भी हिन्दी का भविष्य उज्जवल होने की बात बतायी । नेपाल में भी बहुत सारी पत्र पत्रिकाएँ हिन्दी के विकास में लगे रहने की बात बताते हुए उन्होंने कहा– वह दिन दूर नहीं जब हिन्दी अपना पूर्ण रूप प्राप्त कर लेगी ।
त्रिभुवन विश्वविद्यालय केन्द्रीय हिन्दी विभाग की विभागाध्यक्ष डाक्टर श्वेता दीप्ति ने नेपाल और भारत के बीच सांस्कृतिक सेतु के रूप में हिन्दी विषय पर अपना कार्यपत्र प्रस्तुत किया । कार्यपत्र में हिन्दी नेपाल में किस किस रूप से जुड़ी है इसपर विचार किया गया था ।
कार्यक्रम में भारतीय गृह मन्त्रालय अन्तर्गत राज भाषा विभाग के तकनीकि निर्देशक हरिन्दर कुमार ने सूचना और प्रविधि के क्षेत्र में भी हिन्दी भाषा का विकास बहुत तेजी से होने की बात बताई । भारत सरकार हिन्दी भाषा को सूचना और प्रविधि से जोड़ने के लिए हो रही पहल के बारे में भी उन्होने विस्तार से जानकारी दी ।
विश्व हिन्दी दिवस के अवसर पर कार्यक्रम के दूसरे सत्र में कवि गोष्ठी की आयोजना भी की गयी थी । गोष्ठी में काठमान्डू और विभिन्न जिलों से आये २८ कवियों ने कविता वाचन किया । राजेश्वर नेपाली, सनत वस्ती, गोपाल अश्क, मोमिन खान, कुमार सच्चिदानन्द, राजेन्द्र थापा, पुरुषोत्तम पोखरेल, नवल किशोर, करुणा झा, मुकेश प्रियदर्शी, कैलाशदास, लक्ष्मी जोशी, डा. श्वेता दीप्ति आदि कई कवियों और गजलकारों ने अपनी रचना सुनाकर शमा बाँध दिया । समग्र रूप में एक सफल कार्यक्रम का आयोजन भारतीय दूतवास के द्वारा किया गया जिसके लिए डा. बहुगुणा बधाई के पात्र हैं ।