महाकुंभ में मची भगदड़ में 30 लोगों की माैत, मृतकाें के परिवार काे 25-25 लाख की सहायता राशि
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में लगे महाकुंभ मेला में मौनी अमावस्या के दिन बुधवार तड़के अमृत स्नान के दौरान मची भगदड़ में 30 लोगों की मौत हुई है. DIG महाकुंभ वैभव कृष्ण ने बताया कि महाकुंभ में हुई भगदड़ में 30 लोगों की जान चली गई है. 25 लोगों की पहचान हो चुकी है और बाकी पांच की पहचान की जा रही है.
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि इस भगदड़ में कुल 60 लोग घायल हुए थे, जिनमें से 36 लोग अस्पताल में भर्ती हैं. अन्य लोगों को प्राथमिक उपचार दिया गया. विजय किरन आनंद और वैभव कृष्ण डीआईजी महाकुंभ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी. उन्होंने कहा कि बैरिकेड्स तोड़कर कुछ लोग आगे जाना चाहते थे, जिसकी वजह से यह हादसा हुआ.
डीआईजी वैभव कृष्ण ने कहा कि ब्रह्म मुहूर्त से पहले भारी भीड़ का दबाव बना था. फिर बैरिकेड टूट गए. प्रशासन ने 90 लोगों को अस्पताल पहुंचाया. 36 घायलों का इलाज स्थानीय अस्पताल में चल रहा है. 25 मृतकों की पहचान होने जाने के बाद अन्य 5 की पहचान की जा रही है. मेला क्षेत्र और अखाड़ों के कुछ बैरीकेट्स टूटने से हादसा हुआ है. जमीन में लेटे हुए श्रद्धालु, दौड़ते श्रद्धालुओं के कदमों तले कुचले गए.

डीआईजी ने इसके साथ ही कहा कि मेला प्रशासन में कोई भी vip प्रोटोकॉल नहीं था. श्रद्धालु ब्रह्म मुहूर्त का इंतजार कर रहे थे. तभी पीछे से भीड़ का दबाव आया और यह हादसा हुआ.
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि भीड़ के दबाव के चलते भगदड़ जैसी स्थिति बन गई थी, लेकिन पुलिस प्रशासन ने घटना के बाद जिस तेजी से हालातों को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया. लोगों का कहना है कि यूपी पुलिस के जवानों के क्विक रिस्पांस की वजह से बहुत बड़ा हादसा सीमित कर दिया गया. हादसे में फंसे प्रत्यक्षदर्शी का कहना है कि पुलिस के जवान हम लोगों के लिए भगवान के दूत बन कर आए, नहीं तो बड़ी संख्या में जानें जा सकती थीं.
बता दें कि, महाकुंभ मेले में मौनी अमावस्या की वजह से भारी संख्या में श्रृद्धालु पहुंचे थे. बीती रात से ही श्रध्दालु शुभ मुहूर्त में संगम में डुबकी लगाने को तैयार थे. इसी बीच भगदड़ का हादसा हुआ. जिसके बाद पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया. साथ ही मेला क्षेत्र में नो-व्हीकल जोन घोषित किया गया. गाड़ियों के एंट्री पास रद्द कर दिए गए. सड़क वन-वे हुई. प्रयागराज से सटे 5 जिलों की से आने वाले वाहनों को जिले की सीमा पर रोक दिया गया. शहर भर में चार पहिया वाहनों की एंट्री पर भी रोक है.
मुख्यमंत्री याेगी ने घटना पर गहरी चिंता जताते हुए कहा, “प्रशासन ने कई दौर की समीक्षा बैठकें की थीं, फिर भी यह हादसा कैसे हुआ? इसकी गहन जांच होगी.” सरकार ने मृतकों के परिवारों को ₹25-25 लाख की सहायता राशि देने की भी घोषणा की है. इसके अतिरिक्त मुख्य सचिव और डीजीपी को गुरुवार को घटनास्थल का दौरा कर जांच करने के निर्देश दिए गए हैं. वे हालात का जायजा लेंगे और रिपोर्ट सौंपेंगे.p;