अंतरराष्ट्रीय नारी दिवस पर 11 महिलाओं सहित 59 लोगों ने किया रक्तदान
नेपालगंज (बाँके) – पवन जायसवाल । गोपाल-नीना फाउंडेशन नेपाल और जनमत अर्ध साप्ताहिक द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित “रक्तदान कार्यक्रम” फाल्गुन 24 गते को संपन्न हुआ। वर्तमान में बाँके जिले में रक्त की कमी को ध्यान में रखते हुए “रक्तदान करें: जीवन उपहार दें” मुख्य नारे के साथ, जनमत रक्तदान अभियान की 64वीं श्रृंखला में 11 महिलाओं सहित कुल 59 लोगों ने रक्तदान किया। इस बारे में गोपाल-नीना फाउंडेशन नेपाल की सह-निदेशक डॉ. तृप्ती पाल रमण ने जानकारी दी।

महिला दिवस और रजत जयंती पर रक्तदान
115वें अंतरराष्ट्रीय नारी दिवस के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य “रक्तदान जीवनदान” के महत्व को उजागर करना था। साथ ही, जनमत अर्ध साप्ताहिक की रजत जयंती के उपलक्ष्य में, यह त्रैमासिक रक्तदान कार्यक्रम वि.सं. 2063 साल वैशाख 29 गते से निरंतर संचालित हो रहा है। रक्तदान अभियान की शुरुआत से ही लगातार रक्तदान करने वाले स्वैच्छिक रक्तदाताओं को विशेष रूप से सम्मानित किया गया।
सम्मानित रक्तदाताओं में लक्ष्मण प्रसाद वैश्य, नीरज मान श्रेष्ठ, अशफाक संघर्ष जसगढ, पवन कुमार वैश्य, विनोद कुमार गुप्ता और गौतम प्रसाद पौडेल शामिल थे। इन सम्मानित व्यक्तियों को फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. गौरव श्रेष्ठ और नेपाल स्वैच्छिक रक्तदाता समाज बाँके की अध्यक्ष दिला शाह ने खादा ओढ़ाकर और सम्मान पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।
कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ
फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. गौरव श्रेष्ठ, सह-निदेशक डॉ. तृप्ती पाल रमण, नेपाल स्वैच्छिक रक्तदाता समाज बाँके की अध्यक्ष दिला शाह, जनमत अर्ध साप्ताहिक के संपादक पूर्णलाल चुके सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने प्रादेशिक रक्त संचार केंद्र के प्रमुख उपेंद्र रेग्मी, होमराज गिरी, महेश राना क्षेत्री और पवित्रा जैसी को रक्त संग्रह के लिए ब्लड बैग सौंपकर कार्यक्रम का औपचारिक शुभारंभ किया।
रक्तदान करने वाले प्रमुख लोग
नेपालगंज स्थित गोपाल-नीना फाउंडेशन नेपाल के कार्यालय में आयोजित इस रक्तदान कार्यक्रम में नेपाल स्वैच्छिक रक्तदाता समाज राप्ती सोनारी की उपाध्यक्ष अमृता केसी, उर्दू साहित्यकार अशफाक संघर्ष जसगढ, लक्ष्मण कुमार वैश्य, नीरज मान श्रेष्ठ, महेश श्रेष्ठ, पंकज आले, टीकाराम खनाल, नितिन चक्रवर्ती, राप्ती सोनारी गाँवपालिका वार्ड नं. 6 के अध्यक्ष लवराज खरेल, अनिल खनाल, सबिन खनाल, दिगंबर पांडे, विनय कुमार शाह, कमल महत, लोकनाथ शर्मा, सिकेंद्र दास, रबिन थापा, रोशन रावत, डॉ. चंदन सिंह, अनिता श्रेष्ठ, अनुराज पांडे, दिलीप गिरी, पत्रकार खंब प्रसाद पुन, ओम प्रकाश साउद, दिनेश वर्मा और अकरम मनिहार सहित अन्य लोगों ने रक्तदान किया।
इसके अलावा, एसओएस युवालय नेपालगंज की सह-निदेशक मीना तुलाधर, सपना सिजापति, तुलसी सार्की, सम्झना खडका और सबिना नेपाली समेत 5 अन्य लोगों ने भी रक्तदान किया। इसी तरह, जानकी गाँवपालिका वार्ड नं. 5 गुरुवा गाँव के पूर्व वार्ड अध्यक्ष रमेश कुमार वर्मा, उपेंद्र बम, युवराज मगर, पंकज कनौजिया, बिरजन रजाली, बसंत अधिकारी, सुभाष गुप्ता, धर्मेंद्र कुमार वर्मा, पवन कुमार गुप्ता, गौतम प्रसाद पौडेल, गौरव शाक्य, लोकेन्द्र प्रसाद भट्ट, डॉ. जयकृष्ण वर्मा, प्रकाश चौधरी, हेमंत थापा, पुष्पा सिंह, राजेंद्र थारु, पवन कुमार वैश्य, प्रकाश शाही, एकता युवा क्लब पुरैनी के अध्यक्ष राजेश कुमार यादव, नेपाल स्वैच्छिक रक्तदाता समाज बाँके के सदस्य होमराज गिरी, भगवती गौतम, मुना केसी, सुनील रसाइली, विजय केसी, सचिन पांडे, माया ज्ञवाली और कमलेश कुमार कर्ण सहित कई अन्य लोगों ने भी रक्तदान किया।
सहयोग और सहभागिता
फाउंडेशन के कार्यालय प्रमुख दिलीप गिरी के अनुसार, इस रक्तदान कार्यक्रम में प्रादेशिक रक्त संचार केंद्र के प्रमुख उपेंद्र रेग्मी, होमराज गिरी, सुनील थापा मगर, महेश राना क्षेत्री, पवित्रा जैसी, संजय बढ़ई, वीरेंद्र योगी ने तकनीकी सहयोग प्रदान किया। वहीं, निखिल जायसवाल, प्रतिभा पौडेल, रोशनी राना मगर, सबनम बुढ़ा, मदन शर्मा, युवराज सिंह, निशेष पौडेल, दिलीप गिरी और अनूप आर्या ने अन्य व्यवस्थाओं में सहयोग किया।
नेपाल स्वैच्छिक रक्तदाता समाज राप्ती सोनारी की अध्यक्ष दिब्या गुरुङ, नेपाल स्वैच्छिक रक्तदाता समाज बाँके के सलाहकार, शतक रक्तदाता तथा कार्यक्रम संयोजक पवन जायसवाल, भारतीय पत्रकार संघ रुपईडिहा के अध्यक्ष शेर सिंह कशौंधन, इरशाद हुसैन सहित अन्य गणमान्य लोगों ने कार्यक्रम में अपनी सहभागिता दर्ज कराई।
संयुक्त प्रयास और समन्वय
यह त्रैमासिक रक्तदान कार्यक्रम पिछले 19 वर्षों से निरंतर रूप से आयोजित किया जा रहा है। इस वर्ष के आयोजन में जनमत अर्ध साप्ताहिक, अन्नपूर्ण गैस्ट्रो केयर अस्पताल, नेपाल स्वैच्छिक रक्तदाता समाज बाँके और हेल्थ याद आयो (मोबाइल हेल्थ ऐप) ने समन्वय और सहयोग किया।
यह रक्तदान कार्यक्रम न केवल रक्त की उपलब्धता सुनिश्चित करने में सहायक रहा, बल्कि समाज में रक्तदान के प्रति जागरूकता बढ़ाने का भी एक महत्वपूर्ण अवसर साबित हुआ।
