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गवर्नर की नियुक्ति में उम्र सीमा न हटाने के संशोधन को लागू न करने का सुप्रीम कोर्ट का आदेश

2 वैशाख, काठमांडू — नेपाल के सर्वोच्च अदालत ने नेपाल राष्ट्र बैंक के गवर्नर पद पर नियुक्ति के लिए उम्र सीमा हटाने वाले सरकारी संशोधन को लागू न करने का अल्पकालिक अंतरिम आदेश जारी किया है।

न्यायाधीश नित्यानंद पांडे की एकल पीठ ने यह आदेश जारी करते हुए कहा कि संशोधित मापदंड को फिलहाल लागू न किया जाए। साथ ही, इस आदेश को जारी रखने या न रखने पर बहस के लिए अगले सप्ताह दोनों पक्षों को अदालत में उपस्थित होने के लिए कहा गया है।

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वरिष्ठ अधिवक्ताओं—अनंदराज लुइँटेल, विकास भट्टराई, रामकृष्ण बंजार, और देवेंद्र मैनाली—ने इस संशोधन को कानून विरोधी बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दायर की थी।

याचिकाकर्ताओं ने यह तर्क दिया कि पहले से तय मापदंड को मनमर्जी से बदलना गलत है और यह सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रतिपादित न्यायिक मिसालों के सिद्धांत के खिलाफ है।

सरकार ने 27 फाल्गुन 2081 को वित्त मंत्रालय से सम्बद्ध सार्वजनिक निकायों के पदाधिकारी और सदस्य नियुक्ति से संबंधित मापदंड, 2073 में संशोधन किया था। इस संशोधन के तहत मापदंड की धारा 3(ग) में गवर्नर की नियुक्ति के लिए उम्र सीमा की शर्त को हटा दिया गया था।

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संशोधन से पहले, कार्यकारी प्रमुख के लिए न्यूनतम आयु 30 वर्ष और अधिकतम 65 वर्ष तथा अन्य पदाधिकारियों और सदस्यों के लिए न्यूनतम 35 वर्ष और अधिकतम 65 वर्ष की आयु सीमा निर्धारित थी।

रिट याचिका में यह भी उल्लेख किया गया है कि यह संशोधन संभवतः किसी विशेष व्यक्ति की नियुक्ति में आ रही बाधा को दूर करने के लिए किया गया था।

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