चौधरी ग्रुप के संस्थापक लुनकरण दास चौधरी नही रहें
काठमाण्डू, 5फरवरी ।
उद्योगपति तथा चौधरी ग्रुपके संस्थापक लुनकरण दास चौधरी का गुरुवार को ९३ वर्षके उमेरमें निधन होगया। वे चौधरी समूह के संस्थापक थे । वे लम्बे समय से ह्रदय रोग और मधुमय की वीमारी से ग्रासित थे। थापाथली स्थित नार्विक हॉस्पिटल में गुरुवार को ३ बजे उनका निधन हुआ । चौधरी ग्रुप विश्व के अर्बपति समूहके कल्ब में सामिल है । नेपाल के औधोगिकिकरण सुरुवात कर्ता के एक पिढीका अन्त होने से सम्पूर्ण उधोग जगत दुखी माहसुस कर रहा है ।
पिता भूरमल और माता सरस्वती चौधरी के पुत्र लुनकरण दास चौधरी का जन्म काठमाडौं के मखन टोल में १९७९बी.स. में हुआ था । वे बेतिया में गंगादेवी चौधरी के साथ बिबाह बंधन में बंधे थे । उनके तिन बेटे हैं । बिनोद चौधरी जो कि विश्वब के अरबपति के सूचि में है , बसंत चौधरी जो उधोगपति के साथ-साथ साहित्यकार भी है और अरुण चौधरी जो कि उधोग जगत के प्रख्यात नाम है । कुशम अग्रवाल उनकी बेटी है ।
नेपाल में पिता भूरमल चौधरी के कपड़ा का ब्यपार को निरतरता देते हुए वे उधोग जगत में प्रबेश किये थे । वे उस समय बिराटनगर में जुट उद्योग का स्थापना किया और विराटनगरमे उन्होंने भूरामल लुनकरण दास चौधरी नाम से नयाँ कार्यालय की सुरुवात की । लुनकरण दास काठमाडौं में ही नहीं बल्कि काठमांडू से बाहर के क्षेत्रमें भी आपना व्यापार को विस्तार किया था। जुट निर्यात में यह समूह ने पहली वार अन्तर्राष्ट्रिय व्यापार किया था । इस समूह ने भारत से बाहर से भी कपड़ा आयत करने लगा । उनकानेपाल के उधोग क्षत्र में दिये गए योगदान भुलाये नहीं भूलसकते । उनके द्वारा स्थपाना किया गया चौधरी ग्रुप अभी कि इस्थिति मे ४० से ज्यादा उदोगिक ब्य्परिक संसंस्था से अबाध्य है जिस में यह समुह लगनी कर रही है । आज के समय में यह समुख करीब ७००० लोगोको रोजगारी का अबसर प्रदान किया है । अभी इस ग्रुप की नयी पीढ़ी के राहुल चौधरी, निर्वाण चौधरी, वरुण चौधरी उभरकर आये है । लुनकरण दास चौधरी नेपाल उधोग बाणिज्य महासंघ , चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स , माडवारी सेवा समिति के संस्थापक रह्चुके है ।
आज उनका दाहसंस्कार पशुपति अर्याघाट में है। अंतिम बिदाई देनेके लिए सभी क्षेत्र से लोग पहुचे है ।