सखी! सावन आयो री…..
विजेता चौधरी, काठमाण्डू, ३ साउन
लध गयी कारी रे बदरीया, सखी हे ! सावन आयो री…..
सावन महिना वर्षात की फूहार के लिये ही नहीं वरण प्रेम–प्रणय के महात्मय को दर्शाते हुए मधुमास के रुप में भी प्रख्यात रहा है । साथ ही भगवान शिव के प्रिय महिना के रुप में भी सावन महिना प्रसिद्ध है ।
आज सावन महिने का पहला सोमावार है । काठमाण्डू के विश्वप्रसिद्ध पशुपतिनाथ मन्दिर लगायत देश भर के शिवालयों में शिवदर्शन को भीड उमड पडी है ।
पशुपति क्षेत्र विकास कोष के सदस्यसचिव गोविन्द टण्डन ने बताया आज पशुपतिनाथ के दर्शन के लिए सुवह २ बजे से ही भक्तजनों का आगमन शुरु होगया था । टण्डन ने बताया मन्दिर के पूर्व द्वार विशेष पूजा के लिए खोल दिया गया है वहीं पश्चिम द्वार बोलबम तथा कमरुवा यात्रीयों व दर्शनार्थियों के लिए खोल दिया गया है ।
मन्दिर के चारों तरफ तथा पशुपति क्षेत्र में भक्तजनों की लम्बी कतार लगी हुई है ।
हिन्दु धर्मावलम्बी सावन महिने का प्रत्येक सोमबार को शिव का ब्रत रखते एव्म उपासना करते हैं । इस महिने में पाँच सोमबार पडा है, संस्कृतिविद रेवतीरमन लाल बताते हैं– जिस वर्ष सावन मास के पाँचो सोमबार पडता है उस वर्ष से नये वर्त रखने को इक्षुक ब्रतालु भी व्रत प्रारम्भ कर सकते हैं । लाल बताते हैं जनमान्यता अनुसार सोमबार महादेव का प्रिय दिन होने के कारण परापूर्व से ही सावन महिने का प्रत्येक सोमबार को ब्रत कर पूजापाठ, यज्ञादि किया जाता है ।
पहाड व तराई में भी सावन के सोमबार का अधिक महत्व रहा है । देश भर के शिवालायों में आज महादेव का विशेष पूजा किया गया है । वहीं तराई के भक्तजन सुन्दरी जल से जल भर पशुपति में कामर सहित दर्शनार्थ पहुँचे है ।
पूर्वी तराई मधेस के भक्तजनो का भारत स्थित प्रसिद्ध देवघर अर्थात बाबाधाम के यात्रा का आर्कषण भी सावन मास में अधिक देखा जाता है । हिन्दु धर्मावलम्बियों के लिए पूरा सावन मास शिवमय बना रहता है ।
सखी हे ! सावन के बुँद झिसी…..
बहरहाल वर्षा भी सावन मास का मनोरम बनाए हुई है ।