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गुजरात की सीएम आनंदीबेन पटेल ने फेसबुक पर एक पोस्ट के जरिए अचानक इस्तीफे का एलान कर दिया। देश में पहली बार किसी सीएम ने इस तरह सोशल मीडिया पर इस्तीफा दिया है। उन्होंने सोमवार को लिखा, ”दो साल से पार्टी में ऐसी परंपरा है कि 75 से ऊपर के सदस्य बड़े पदों से खुद मुक्त हो रहे हैं। इसी परंपरा को मैं आगे बढ़ा रही हूं। मैं भी नवंबर में 75 साल की होने जा रही हूं।” चार अगस्त को अमित शाह अहमदाबाद पहुंच रहे हैं। पांच अगस्त से पहले नए सीएम का एलान हो सकता है। आनंदीबेन 15 अगस्त के बाद गवर्नर बनाई जा सकती हैं। उन्हें पंजाब भेजा जा सकता है।  22 मई 2014 को सीएम बनीं आनंदीबेन ने सोमवार शाम 4.41 मिनट पर गुजराती में एक लंबा पोस्ट किया। ऐसा पहली बार हुआ है जब देश में किसी सीएम ने फेसबुक पर इस्तीफा दिया हो।पोस्ट में कहा, ”मैं हमेशा से ही बीजेपी की विचारधारा, सिद्धांत और अनुशासन से प्रेरित हूं और इसका आज तक पालन करती आई हूं। पिछले कुछ समय से पार्टी में 75 से ऊपर के उम्र के नेता और कार्यकर्ता स्वैच्छिक रूप से अपना पद छोड़ रहे हैं, जिससे कि युवाओं को मौका मिले। यह एक बहुत अच्छी परंपरा है। मेरे भी नवंबर महीने में 75 साल पूरे होने जा रहे हैं।””2017 के अंत में गुजरात में विधानसभा के चुनाव होने हैं। इन चुनाव में नवनियुक्त होने वाले मुख्यमंत्री को ज्यादा समय मिले, इसके लिए मैंने दो महीने पहले ही हाईकमान से इस जिम्मेदारी से मुक्त होने के लिए निवेदन किया है। मैं आज फिर से इस पत्र के द्वारा पार्टी के नेताओं से मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी से मुक्त करने की गुजारिश करती हूं।”आनंदीबेन की इस पेशकश के बाद पार्टी प्रेसिडेंट अमित शाह ने कहा कि इसकी जानकारी पार्टी को मिल गई है। संसदीय बोर्ड की बैठक में इस पर फैसला लिया जाएगा

दौड़ में ये तीन नाम

  1. अमित शाह:पार्टी प्रेसिडेंट। गुजरात में होम मिनिस्टर रहे।मोदी के खास। गुजरात में संगठन और सरकारी तंत्र पर अब भी मजबूत पकड़ बरकरार।
  2. विजय रूपाणी:गुजरात बीजेपी प्रेसिडेंट हैं। जैन होने के कारण जातिगत समीकरणों में फिट। मोदी और अमित शाह के भरोसेमंद।
    3. पुरुषोत्तम रूपाला:केंद्रीय मंत्री हैं। पाटीदार और किसान नेता। प्रभावी वक्ता और लंबा अनुभव। अभी अमित शाह के करीबी।

15 साल बाद फिर अधूरा कार्यकाल

2001 में पार्टी ने केशुभाई पटेल को हटाकर मोदी को सीएम बनाया था। तब से मई 2014 तक मोदी सीएम रहे। उनके पीएम बनने के बाद आनंदीबेन मुख्यमंत्री बनीं, पर दो साल में ही उन्हें हटना पड़ा। अब तीसरा सीएम बनेगा।

कार्यकाल पूरा होने से पहले हटने वाली बीजेपी की दूसरी महिला सीएम

2004 में उमा भारती को एक केस में वारंट जारी होने के बाद मप्र की मुख्यमंत्री के पद से हटना पड़ा था।

4 कारण जो आनंदीबेन के खिलाफ गए

#1. पाटीदार आरक्षण आंदोलन
– गुजरात में करीब सालभर से पाटीदार आरक्षण आंदोलन चल रहा है।
– आंदोलन की अगुआई कर रहे हार्दिक पटेल ने कई बार आनंदीबेन पर आरोप लगाए थे। बीजेपी हाईकमान भी आंदोलन को हैंडल करने के तरीके से खुश नहीं था।
– ग्राम पंचायत चुनावों में बीजेपी को मिले झटके से आनंदीबेन की लीडरशिप पर सवालिया निशान लगा था।

#2. दलितों की पिटाई का मामला

– गुजरात के ऊना में दलितों से मारपीट का मामला भी आनंदीबेन के खिलाफ गया।
– इस मामले की वजह से गुजरात सरकार पर दलित विरोधी होने का आरोप लगा।
– रविवार को दलितों ने अहमदाबाद में बड़ी रैली कर इसका विरोध किया।
– बता दें कि यह मामला इस वक्त पूरे देश में भाजपा के खिलाफ बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया है।

#3.एज फैक्टर
– नरेंद्र मोदी 75 साल से ऊपर के नेताओं को पार्टी और सत्ता में अहम जिम्मेदारियों से दूर रखने के पक्षधर हैं।
– आनंदीबेन नवंबर में 75 साल की हो रही हैं। उन्होंने फेसबुक पोस्ट में खुद ऐज फैक्टर वाली बात का जिक्र किया है।

#4.आनंदीबेन सरकार पर बीजेपी की इंटरनल रिपोर्ट

– मोदी के करीबी ओम माथुर ने गुजरात सरकार और वहां बीजेपी के मौजूदा हालात को लेकर एक रिपोर्ट सौंपी थी।
– इस रिपोर्ट में गुजरात में पुअर गवर्नेंस और स्टेट कम्युनिकेशन में दिक्कत का जिक्र किया था।
– इसके बाद आनंदीबेन पटेल को गुजरात के सीएम पद से हटाकर पंजाब का गवर्नर बनाए जाने की चर्चा थी।

साभार, दैनिक भास्कर



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