पृथ्वी पर पहुंचा सौर तूफान, अगले 24 घंटे तक रहेगा असर, गति 40 लाख मील प्रति घंटा थी।
वॉशिंगटन ।। आवेशित कणों के एक बड़े सौर तूफान के आज पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र में पहुंचने की उम्मीद है और दो दिन पहले पैदा हुए इस सौर तूफान से बिजली आपूर्ति, उपग्रह आधारित नौवहन प्रणाली और वायु यातायात में बाधा पड़ सकती है। वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि यह पांच साल में आया सबसे बड़ा सौर तूफान है, जो मंगलवार को तड़के सौर ज्वालों से उठा था बढ़ता ही चला गया। उन्होंने बताया कि वृहस्पतिवार की सुबह इसके आवेशित कणों की गति 40 लाख मील प्रति घंटा थी।
नैशनल ओसियैनिक एंड एटमोसफेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) के अंतरिक्ष मौसम विज्ञानी जोसेफ कंशेस ने बताया, ‘ अंतरिक्ष का मौसम पिछले 24 घंटे के दौरान बहुत रोचक हो गया है। ‘ कंशेस के हवाले से स्पेस डॉट कॉम ने बताया है, ‘ यह सुपर टयूजडे है, ‘ नासा के कई अंतरिक्ष यानों ने सौर ज्वालाओं की उस वक्त तस्वीरें ली है जब इसने अंतरिक्ष में सौर प्लाज्मा और आवेशित कणों को प्रभावित किया, जिसे ‘ कोरोनल मास इजेक्शन ‘ (सीएमई) कहा जाता है।
सीएमई के पृथ्वी पर प्रत्यक्ष रूप से पहुंचने की उम्मीद नहीं है, लेकिन आवेशित कणों के बादल पृथ्वी से चमकते हुए दिखाई पड़ सकते हैं। कंशेस ने बताया कि पूर्वानुमान के मुताबिक सीएमई के आज शाम पांच बजे (भारतीय समय) पृथ्वी पर पहुंचने की उम्मीद है और इसका असर 24 घंटे तक रह सकता है।