मित्र को बदल सकते हैं, लेकिन पड़ोसी को नहीं बदल सकते : राजेन्द्र महतो
काठमांडू, दिसंबर २७ । नेपाल व भारत के बीच सिर्फ रोटी–बेटी का संबंध ही नहीं है, बल्कि प्राकृतिक सम्बन्ध भी है । नेपाल–भारत के बीच कोई राजनीतिक सीमा भी नहीं है । दोनों देशों के बीच जनता के द्वारा बनाया गया सम्बन्ध है । इस संबंध को कोई तोड़ नहीं सकता है । ये बातें अंतर्राष्ट्रीय समरसता मंच, जयपुर (राजस्थान) द्वारा आयोजित ‘भारत–नेपाल सांस्कृतिक समन्वय संगोष्ठी’ में सद्भावना पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेन्द्र महतो ने कहीं ।
नेपाल में विद्यमान राजनीतिक परिस्थिति की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि संविधान संशोधन विधेयक संसद सचिवालय में पंजीकृत पश्चात् मधेश विरोधी पार्टियां प्रतिरोध में उतरे हैं । और संसद् को भी अवरोध किए हुए हैं । उन्हें समझना चाहिए कि संविधान कोई बाईविल और महाभारत नहीं है, जो उनमें लिखी बातों को बदल नहीं सकते । संविधान को संशोधन किया जा सकता है, परिमार्ज भी किया जा सकता है, पूर्ण विराम और अल्पविराम भी हटाया जा सकता है । इसीलिए वे संसद को संचालन करें और विधेयक को पारित करें ।
इसी प्रकार विपक्षी पार्टी द्वारा भारत पर लगाया गया आक्षेप के बारे में उन्होंने कहा कि मित्र को बदल सकते हैं, लेकिन पड़ोसी को नहीं बदल सकते हैं । भारत से हमारा प्राकृतिक रिश्ता है । भारत सदैव नेपाल के हित में है । नेपाल के लिए भारत का सहयोग आवश्यक भी है ।
राजस्थान सरकार के मन्त्री हरिश कुमावत ने नेपाल व भारत के बीच मौजूदा सम्बन्धों को और प्रगाढ़ एवं स्नेहशील बनाने हेतु हम एकजुट होकर आगे बढ़े ।
समरसता मंच के अंतर्राष्ट्रीय संयोजक महावीर प्रसाद टोरडी ने नेपाल व भारत के संस्कृति एवं सभ्यता को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर उजागर करने के उद्देश्य से काठमांडू में इस संगोष्ठी का आयोजन करने की जानकारी दी ।
मौके पर पूर्व राजदूत विष्णुहरि नेपाल, प्रेस काउंसिल नेपाल के अध्यक्ष वोर्णबहादुर कार्कीं, प्रा.डा. सुरेन्द्र के.सी. ने भी समसामयिक विषयों में चर्चा कीं । अवसर पर नेपाल–भारत के ५ दर्जन से अधिक प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया ।