देश किसी की क्रीडास्थली नहीं है, हो भी नहीं सकती : पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र
काठमान्डू ,पुस -२७
पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र शाह ने राष्ट्र प्रति की जिम्मेदारी से खुद न हटकर जनता की इच्छा से नारायण हिट्टी दरबार छोडने की बात कही है | २९५ वीं पृथ्वी जयन्ती के अवसर पर जनता को शुभकामना देते ये बातें कहीं | फिलहाल पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र बैंकक में है | और बैंकक से ही प्रेस विज्ञप्ति के द्वारा यह जानकारी दी है |
प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार नेपाली जनता की इच्छा ही राज इच्छा होने की परम्परा रही इस मुल्क में तत्कालीन परिस्तिथियाँ समेत को मद्धे नजर करते हम नारायणहिट्टी दरबार से बाहर आए है | जबकि जनता एवं राष्ट्र प्रति की जिम्मेदारी से पीछे हटने की महसूस हमने कभी भी नहीं की है | उन्होंने कहा है कि अभी भाषा ,धर्म ,संस्कृति और पहचान के आधारों को मिटाये जाने का प्रयत्न हो रहा है | बताया कि देश किसी की क्रीडास्थली नहीं है ,हो भी नहीं सकती और होने भी नहीं देना है | इन्हीं सोच के साथ देश भक्त नेपाली एकजुट होकर सदभाव,देशभक्ति व आपसी एकता तथा प्रेम कि डोरी से मात्र नेपाल का अस्तित्व और पहचान को बचाया जा सकता है | आर एन यादव