डॉ.राउत की पिछले ६० दिनों की हिरासत यात्रा पर एक नजर -रोशन झा
सप्तरी
स्वतन्त्र मधेस, लोकतान्त्रिक शासन व्यवस्था और शान्तिपूर्ण एवं अहिंसात्मक मार्ग द्वारा आजादÞी अभियान चला रहे स्वतन्त्र मधेस गठबन्धन के संयोजक डा.राउत को राज्य विरुद्ध सांगठनिक अपराध के जुर्म में नेपाल प्रहरी द्वारा माघ २० गते जनकपुर में किराये पर रहे उनके आवास से गिरफ्तार किया गया । डा. राउत की गिरफ्तारी की खवर प्राप्त होने के कुछ ही घण्टे बाद सप्तरी भारदह में गिरफतारी के विरोध में प्रदर्शन आरम्भ हो गया । अगले ही दिन माघ २१ गते विरोध प्रदर्शन सप्तरी, सिरहा, मोरंग, बारा, पर्सा, नवलपरासी, रुपन्देही, रौतहट, कंचनपुर और घनुषा लगायत मधेस के हर जिलों में फैलता गया । मधेशी युवा सड़क पर आने लगे । डा.राउत जिन्दावाद, गैरकानूनी गिरफ्तारी बन्द करो, डा. राउत को रिहा करो, आजादÞ मधेश अपना देश, अबकी बार एक ही मांग जनमत संग्रह का हो ऐलान, हमको चाहिए सबको चाहिए आजादÞी जैसे नारे मधेश के सड़कों पर गुंजने लगे । रिहाई की प्लेकार्ड सहित मधेश भर बृहत विरोध प्रदर्शन होता रहा ।
डा. सीके राउत की रिहाई एवं स्वतन्त्र मधेश के पक्ष में बढ़ते प्रदर्शन को देखकर नेपाली पुलिस ने कई बार दमन पर उतर आए । प्रदर्शन में लोगों बेरहमी से पर लाठीचार्ज की गई । मधेशी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया । इस क्रम में नेपाली पुलिस द्वारा लहान सिरहा से २१, भारदह सप्तरी से १४, बिराटनगर मोरंग से ११ और रौतहट से ८ कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया । विरोध प्रदर्शन में शामिल सिरहा के १० तथा रौतहट जिला के २ समर्थकों पर नेपाली पुलिस राज्य विरूद्ध सांगठनिक अपराध (राजद्रोह) का झूठा मुकदमा लगाकर हिरासत में कैद कर दिया । विरोध प्रदर्शन के क्रम में ही फागुन ७, २०७३ गते रुपन्देही जिला के मर्चवार क्षेत्र में हजारों की सहभागिता में विरोध सभा आयोजित किया गया ।
बलिदान दिवस के अवसर पर माघ ५, ०७३ के दिन डा. राउत सहित लहान में हुए श्रद्धाञ्जली सभा की सफलता से आक्रोशित नेपाली नेताओं के दबाव और प्रभाव के कारण रूपन्देही पुलिस द्वारा मानव अधिकार का घोर उल्लंघन करते हुए दमन का क्रुरतम दृश्य प्रदर्शित किया गया । पुलिस मारपीट से सभा में सहभागी उच्च मावि अध्ययनरत १९ वर्षीया एक छात्रा और ६५ वर्षीया एक वृद्ध महिला गम्भीर घायल हुई । १८ लोगों को गिरफ्तार किया गया जिस में से ७ लोगों पर डा. राउत पर राज्य विरूद्ध संगठित
अपराध का मुद्दा चलाकर भैरहवा हिरासत में कैद कर दिया । उसके बाद भी मर्चवार क्षेत्र तनावग्रस्त रहा । नेपाल प्रहरी का वहाँ दमन, धरपकड़, लाठी चार्ज, टीयर गैस चलता रहा । वृद्ध महिला और छात्राओं पर पुरूष पुलिस द्वारा हुए अपमानपूर्ण धरपकड़ और दमन से स्थानीय जनता आक्रोशित हो उठी । हजारों स्थानीय जनता एवं विद्यार्थियों ने बाहर निकलकर
पुलिस चौकी को घेर लिया । पुलिस नें व्यापक दमन करना चाहा परंतु कुछ नहीं चलनेपर चौकी छोड़कर भागना पड़ा । गठबन्धन कार्यकर्ताओं द्वारा हथियार लूटे जाने की झूठी खबर पुलिस द्वारा फैलाई गई । इस बहाने मर्चवार क्षेत्र में हो रहे शान्तिपूर्ण प्रदर्शन को प्रहरीद्वारा हिंसक बनाने का प्रयास किया गया । हवाई फायर की गई । टीयर गैस की झड़ी लगा दी गई ।
सैंकड़ो मधेशी जख्मी हुए । स्वतन्त्र मधेश गठबंधन रूपन्देही द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सहभागी न होने के लिए दो दिन पहले से ही आसपास के गाँवों में और घर–घर जाकर पुलिस द्वारा डराया एवं धमकाया गया । कार्यकर्ताओं के घर मे तलाशी लेकर लोगों में खौफ पैदा किया । मर्चवार क्षेत्र में कार्यक्रम पहले से अभी तक घरों में छापामारी जारी है । रुपन्देही पुलिस अभी तक गठबन्धन के अगुवा नेता, कार्यकर्ता एवं अभियन्ताओं को खोज रही है । विरोध सभा में अतिथि के रूप में संबोधन करने आए बाँके जिला एवं पश्चिम क्षेत्रीय ब्यूरो संयोजक ईरफान शेष को नेपालगंज चौलिका चौक के चाय दुकान से बाँके पुलिस नें गिरफ्तार कर उनपर भी राज्य विरूद्ध सांगठनिक अपराध का मुद्दा चलाया और बाँके से रूपन्देही चलान कर दिया गया ।
इधर फाल्गुन १ गते सिरहा जिला अदालत के आगे गिरफ्तारी के विरोध में शांतिपूर्ण प्रर्दशन में उतरे हजारों निहत्थी जनता पर बर्बर लाठी चार्ज हुआ
और १७ आदमी को घायल बना दिया गया । कुछ दिनों तक रामवली यादव और तेतरी देवी महरा ईलाज क्रम में अस्पताल में ही रही । लहान हिरासत में रहे डा.राउत तथा गठबन्धन के अन्य १० नेताओं का खानापीना, स्वास्थ्य उपचार, कपड़ा और पेयजल में कटौती के साथ यातना दिए जाने की बात भी बारबार गठबन्धन स्रोत कराती आई है । जिला अदालत सिरहा और रौतहट ने अभी तक अनुसन्धान के लिए ५ वीं बार म्याद बढ़ाया है । ५५ दिनो से अधिक समय बीत जाने के बाद भी अभी तक पुलिस ने अनुसंधान का कोई भी रिपोर्ट या प्रगति पेश नही किया है । डा. सि के राउत के बडेÞ भाई डा. जयकान्त राउत ने सर्वोच्च अदालत में बन्दी प्रत्यक्षीकरण का मुद्दा भी दायर किया किन्तु सर्वोच्च नें दरपीट कर दिया । सांगठनिक अपराध ऐन में रहे कानूनी प्रावधान के अनुसार (अनुसन्धान अवधी ६० दिन) चैत २१ गते डा. सि के राउत को अदालत मे पेश किया गया, स्वतन्त्र मधेस गठबन्धन ने डा. राउत की रिहाई के लिए मधेस के जिला प्रशासन कार्यालयों मे १ घण्टा धर्ना प्रदर्शन किया और सिरहा के बलुवा मे मधेसियों ने अदालत ले जाने के क्रम में पुलिस की गाड़ी रोककर डा. राउत की रिहाई के लिए शान्तिपूर्ण नारा लगाया । चैत २१ गते छठी बार अदालत में पेश कर मुद्दा दर्ता किया गया । प्रदर्शन के क्रम में प्रहरी ने बलुवा से ४, सिरहा अदालत के आगे से ३ , मोरंग से ९ और धनुषा से २ नेता कार्यकर्ताओं को गिरफतार किया, मोरंग और धनुषा के लोगों को छोड़ दिया गया है सिरहा के ७ लोग हिरासत में हंै । चैत २२ गते डा. राउत तथा चैत २४ एवं २५ गते अन्य कार्यकर्ताओं का बयान लिया गया । इधर माघ २१ गते गिरफतार रौतहट से गिरफ्तार दो कार्यकर्ता अशोक सिंह और बिरेन्द्र प्रसाद साह को चैत्र २५ गते रौतहट जिला अदालत ने राज्य विरुद्ध सांगठनिक अपराध के मुद्दा मे ही साधारण तारीख पर रिहा कर दिया । सिरहा जिला अदालत में सभी से बयान लेने के बाद चैत २७ गते बहस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया दोनो पक्षों के वकीलों ने बहस की लेकिन कोई निर्णय नही सुनाया गया अगले दिन के लिए बहस की समय बढ़ा दिया गया । अदालत से बाहर निकलने के क्रम में समर्थक, कार्यकर्ता एवं उपस्थित मधेसी जनता ने डा. राउत पर फूलों की वर्षा की उसी क्रम में सिरहा निवासी स्वराजी अशेसर कामती को गिरफतार किया गया । चैत्र २८ गते भी दिन भर बहस हुई लेकिन मुकद्दमा निर्णय पर नही पहुँच पाया और २९ के लिए पुनः बहस का समय निर्धारण किया गया । अंदेशा हैं कि यह बहस लम्बी चलेगी और फिलहाल निष्कर्ष आने वाला नहीं है ।