रोमांस की चाबी महिलाओं के पास
प्यार और रोमांस की गाड़ी की चाबी महिलाओं के पास होती है और सबसे मजबूत रिश्ते भी महिलाओं के बीच ही बनते हैं.
ये बातें मोबाइल फोन के कॉल पर एक शोध में सामने आई हैं.
शोध में ये पाया गया कि महिलाएं अपने पतियों को ज्यादा फोन करती हैं.
लेकिन जब उनकी बेटियां बच्चा पैदा करने लायक हो जाती है तो फिर बेटियां ही महिलाओं के लिए सबसे अहम रिश्ता बन जाती हैं.
ये शोध जर्नल साइंटिफिक रिपोर्ट में छपा है और इसे पूरा करने में 30 लाख लोगों के फोन कॉल्स का विश्लेषण किया गया.
महिलाओं का मजबूत रिश्ता
इस शोध के सह-लेखक ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रॉबिन डनबर के मुताबिक दो लोगों के बीच का आपसी रिश्ता पुरुषों के मुकाबले महिलाओं के लिए ज्यादा अहम होते हैं.
प्रोफेसर रॉबिन डनबर ने कहा, “पहली बार इतने बड़े संकेत मिले हैं कि इश्क की चाबी महिलाओं के पास होती है. वो फैसले लेती हैं और जब उनका इरादा बन जाता है तो वो पुरुषों को मना ही लेती हैं.”
लेकिन रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि 35 साल के आसपास महिलाओं की अपने सबसे अच्छे दोस्त की अहमियत बदलने लगती है और 45 के आसापास उनकी बेटियां सबसे अच्छी दोस्त बन जाती हैं.
इस शोध को पूरा करने में सात महीने लगे और इस दौरान लगभग 30 लाख लोगों के बीच तकरीबन तीन अरब फोन कॉल्स का विश्लेषण किया गया. शोधकर्ताओं को लोगों के उम्र और उनके लिंग की जानकारी दी गई थी.
पहले सात साल बीवी, फिर दोस्त जरूरी
शोध में ये भी पता लगाने की कोशिश की गई की लोग किसे अपना सबसे प्रिय दोस्त बनाना चाहते हैं. इसके लिए देखा गया कि कौन किसे कितनी बार फोन करता है.
शोध में पाया गया कि पुरुष और महिलाओं की पसंद अलग होती है.
महिलाओं के मुकाबले पुरुष किसी स्त्री को अपनी बीवी या गर्लफ्रेंड बनाने में ज्यादा वक्त लेते हैं. अमूमन 30 साल के आसपास पुरुष अपनी ही उम्र की लड़की को अपना बेस्ट फ्रेंड यानी सबसे अच्छा दोस्त बनाते हैं.
लेकिन लगभग सात साल के बाद वो अपने दूसरे दोस्तों पर ज्यादा ध्यान देने लग जाते हैं.
रिसर्च में पाया गया कि पुरुष पहले सात साल तो अपनी बीवी या प्रेमिका को खूब फोन करते हैं लेकिन बाद ये फोन दूसरे दोस्तों को ज्यादा जाते हैं.
वहीं महिलाएं 20 साल के उम्र के आसपास किसी पुरुष को अपना सबसे अच्छा साथी चुनती हैं और लगभग 15 साल तक ऐसा ही रहता है.
लेकिन 15 साल के बाद पुरुष की जगह उसकी बेटी सबसे प्रिय दोस्त बन जाती है.
प्रोफेसर डनबर के अनुसार, “ज्यादा अहम रिश्ते महिलाओं के बीच बनते हैं. पुरुषों के रिश्ते ज्यादा अनौपचारिक होते हैं. समाज का ढांचा महिलाएं ही बुनती हैं.” प्रोफेसर डनबर के मुताबिक मानव समाज एक बार फिर महिला प्रधान होता जा रहा है.