मधेश में चुनाव होगा या नहीं यें जनता तय करेंगें (विषेश अन्तर्वार्ता)
राष्ट्रिय जनता पार्टी नेपाल के अध्यक्ष मण्डल के सदस्य तथा नेपाल सद्भावना पार्टी के अध्यक्ष अनिल झा के साथ हिमालिनी के लिए संविधान संशोधन और स्थानिय निकाय के चुनाव के सन्दर्भ में विजय यादव द्वारा की गइ अन्तर्वार्ता के संपादित अंश :
संविधान संशोधन जरुरी :
अभि के स्थिती में अगर संविधान को संशोधन कर के आगे बढ़ा तो ही चुनाव संभव हो सकता हैं । यदि हमें राष्ट्रिय जनता पार्टी नेपाल को या मधेशी मोर्चा को या फिर व्यक्तिगत रुप में मुझे और राजपा के कार्यकर्ता को चुनावी नुक्सान भी होता हैं तो भी हम लोग संविधान संशोधन को छोडकर नहीं जा सकतें । हमनें संविधान संशोधन का वचन दिया था सरकारको, राज्यको, देशको और जनताको कि यदि संविधान संशोधन हुआ तो हम चुनाव में जायगें । अगर नुक्सान भी होता हैं तो भी हम चुनाव में जायगें ।
संविधान संशोधन चुनाव से भी महत्वपूर्ण :
वर्तमान स्थिती में संविधान संशोधन किसी चुनाव से भी महत्वपूर्ण हैं । तो संविधान संशोधन हो जाता हैं हमारें शर्त पर तो हम चुनाव में जायगें और हमें जाना भी चाहिए । यदि संविधान संशोधन नहीं होता हैं तो प्रयास तो हुआ लेकिन हमारा एजेण्डा सम्बोधन नहीं हुआ । तो एजेण्डा सम्बोधन न होने में जो जो काम किया तो उस के बारे मे जनता को बतानें हम जाएगें । फिर हम अपनें एजेण्डा को क्याम्पियन करेंगें । फिर हमलोग एजेण्डा सम्बोधन हो इस के लिए काम करेंगें । बहुत ही स्पष्ट है कि बिना एजेण्डा सम्बोधन का हम लोग चुनाव में नहीं जाएगें । क्यो की इस से पहले ही हमने हमारें कुछ महत्वपूर्ण एजेण्डा को स्थगित कर दिए हैं । छोटे—मोटे एजेण्डा को भी फुलफिल नहीं किया गया तो हम जनता को क्या मुँह दिखानें जाएगें । इसलिए वैसे स्थिती में चुनाव मे जाना हमारे लिए बहुत ही कठिन होगा ।
मोर्चा नें संशोधन के लिए कुछ एजेण्डा को भी फिल्हाल किया स्थगित :
और इसी के कारण हम चाहतें है की एकदम ही लचक्ता के साथ भी संविधान संशोधन का प्रस्ताव पारित हो जाता हैं तो कुछ तो एजेण्डा सम्बोधन होगा और बाँकी एजेण्डा सम्बोधन करवानें के लिए रास्ता खुलेगा और उस रास्ता को खोल्ने के लिए नाम में चुनाव में जाया जा सकता हैं । और यें काम होना चाहिए इसका मधेशी मोर्चा का निर्णय रहा हैं । जिस के तहत इस रणनिती के वजह से हम अभी भी सरकार में जव स्थानिय तह के संख्या बढानें के बात किया था लेकिन अचानक उन्होनें रोक दिया तभी हम उन्हें कुछ नहीं कह रहें हैं ।
प्राप्त उपलब्धी को रक्षा करतें हुयें थप उपलब्धीयों के लिए संघर्षरत :
हमारे लिए संविधान संशोधन सब से प्राथमिक हैं । अभी जो होता है वह फिल्हाल हो जाए यें सिद्धान्त हम अभी अख्तियार किया हैं । प्राप्त उपलब्धी के रक्षा करते हुयें बाँकी उपलब्धीयों के लिए संघर्ष करना, उसके लबिङ्ग करना, प्रयास करना, जनमत तयार करना चाहिए यें मानकर हम लोग आगे बढ़ रहें हैं । और उसी के तहत काम हो रहा हैं और हमें विश्वास हैं दोनों ही परिस्थिती में मधेशी जनता हमारें साथ होगें, हम मधेशी जनता को कन्भिन्स करनें में इस देश के शोषित पिडित जनताको कन्भिन्स करनें में हम अपनी बात को बहुत ही स्पष्ट ढ़ङ्ग मे बुझानें में सक्षम होगें । और उसी लाइन पर अभी नव गठित राष्ट्रिय जनता पार्टी नेपाल और हमारे सभी नेता कार्यकर्ता उपर से निच्चे तक काम कर रहें हैं । हमें विश्वास हंै की हमारें जनता भी अभी के रणनीतिक जो आवश्यकता हैं उस समझ रहें हैं ।
शाषण, सत्ता और कुर्सी के परेशान करना मुलभुत गुण हैं:
रही बात सरकार की तो सरकार की सदियों से एक प्रवृति होती हैं जो किसी भी का सरकार हो । जैसा की विभिन्न बातों को लेकर दुसरों को गोलचक्कर में घुमाते रहना, दसरों को कुछ नहीं देना, परेशान करना, कभी दियें जैसा करना, कभी नहीं दिए जैसा करना, खेलाते रहना यें तो कुर्सी का मुलभुत गुण हैं । इस के विना कोए शाषण सत्ता और कुर्सी चल ही नहीं सकता । लेकिन फिल्हाल हम जो देख रहें हैं नजदिक सें तो एैसा समझ मे आ रहा हैं की इस के लिए सही अर्थ मे प्रयास हो रहा हैं । तो यदि सही अर्थ मे कोइ प्रयास कर रहा हैं तो अभी हमें उन्हें दोष देना उचित नहीं हैं । ‘कइ बार डाँक्टर चाहतें रहतें हैं फिर भी मरिजÞ को बचा नहीं पातें हैैं । तो डाँक्टर पर कोइ खुन केस नहीं करता हैं । लेकिन यदि हाँस्पिटल के बदमासी होती हैं तो उहाँ मारपिट भी होता हैं । तो हम भी उसी तरह डाँक्टर और मरिज के तरह से देख्तें हैं तो अभी का डाँक्टर हेड कन्सल्लटेन्ट प्रधानमंत्री पुष्पकमल दाहाल हैं जिस का मनोस्थिती बेइमानीपूर्ण नहीं दिख रहा हैं । उन अन्दर अभी मैं इमान्दारिता देख रहा हुँ, उन के आँखों मे लाज देख रहा हुँ की मधेशी मोर्चा ने हमें सहयोग किया था प्रधानमंत्री बनानें मे तो हम प्रतिवद्धता किया था की उनके संविधान संशोधन को पुरा करेंगें ।
सरकार इमान्दारिता कें साथ संशोधन करवानें मे लगें हैं:
यें जो अभी भद्र सहमति के बात हो रहीं हैं तो भद्र सहमति के बात हमारें और सरकार के वीच हो रहा हैं तो उस का गम्भिरता पूर्वक सरकार के ओर से प्रयास हो रहा हैं । मै देख रहा हुँ खास कर के संविधान संशोधन जो की हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हैं ।
मधेश में चुनाव होगा या नहीं इस का तय जनता करेंगें:
अब बात रह गइ संविधान संशोधन नहीं हुआ तो मोर्चा चुनाव में सहभागि होगें या नहीं ? तो मै बहुत ही स्पष्टता के साथ बता रहा हुँ की संविधान संशोधन नहीं हुआ तो हम चुनाव में सहयोग नहीं करेंगें । अभी के लिए इस से ज्यादा हम नहीं कह सकतें । और बात मधेश मे चुनाव होगें या नहीं इस बात का सरकार जानेंगें, निर्वाचन आयोग को पता होगा, इस बात की सही जानकारी हमें जनता दे सकती हैं ।
संशोन नहीं हुआ तो मोर्चा चुनाव में सहयोग नहीं करेंगें:
हम यें मानकर चलतें हैं की अगर संविधान संशोधन नहीं होता हैं तो ‘अभी ६ पार्टीयाँ मिलाकर नेपाल जनता पार्टी का निर्माण हुआ वो पार्टी सरकार को या निर्वाचन आयोग को चुनाव करानें मे सहयोग नहीं करेगा ।’
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