आखिर मजदूर दिवस की क्या हैं रहस्य (सन्दर्भ : मजदूर दिवस)
विजय यादव/हिमालिनी
काठमांडू, १ मई ।
मजदूरों के लिए मजदूर दिवस कब से मनानें लगें इस इतिहास को जानकारी हमारे लिए बेहतर होगा । साथ ही आखिर मजदूर दिवस क्यों मनाया जाता है ? पूरे विश्व में मजदूरों के सम्मान में १ मई को मजदूर दिवस मनाया जाता है ।
मजदूर दिवस के इतिहास देखा जाए तो सब से पहले मजदुर दिवस मनाने की शुरुआत १ मई १८८६ से माना जाता है । उस समय अमेरिका में मजदूरों की स्थिति काफी दयनीय थी मजदूरों को बिना रुके हुए १५ घंटे से भी ज्यादा वक्त काम करना पड़ता था जिसके फलस्वरूप अमेरिका के मजदूरों में अपने अधिकारों की रक्षा के लिए हड़ताल पर जाने का निश्चय किया और फिर १ मई १८८६ को पहली बार अमेरिका के शिकागो शहर में लाखो मजदूर हड़ताल पर थे ।
सबकुछ शांतिपूर्वक चल रहा था सभी मजदूर अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे की अचानक किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा इन मजदूरों के उपर बम फेका गया जिससे भीड़ तितर बितर हो गयी चारो तरफ भगदड़ का माहौल मच गया और इन सभी मजदूरो की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने गोली चला दी जिससे कई व्यक्ति मारे गये इस घटना को अमेरिकी इतिहास में हेयरमार्केट हत्याकांड के नाम से भी जाना जाता है फिर आगे चलकर इन मजदूरों की शहादत को याद को याद करने के लिए मजदूर दिवस मनाया जाने लगा ।
मजदूर दिवस कैसे मनाया जाता
मजदूरों की हितो की रक्षा के उपलक्ष्य दिवस के रूप में प्रत्येक वर्ष १ मई नेपाल सहित विश्व के कई सारें देशो में मजदूर दिवस मनाया जाता है । मजदूर दिवस के अवसर पर इन मुलुकों मे सार्वजानिक अवकाश भी दिया जाता हैं । इस दिन मजदूर यूनियन संघटन सार्वजानिक जगहों पर इक्कठा होकर रंगारंग कार्यक्रम भाषण और देशभक्ति गीतों का आयोजन करते है और सभी खुलकर अपने विचारो को लोगो के सामने रखते है यह उत्सव ऐतिहासिक रूप से काफी महत्व रखता है ।
संयुक्त राष्ट्र की अगुवाई में अन्तराष्ट्रिय मजदूर संस्था का गठन किया गया है । जो पूरे विश्व के देशो के श्रमिको के हितो की रक्षा के लिए सदैव आगे रहता है और अन्तराष्ट्रीय मजदूर हितो की रक्षा करता है और इस दिन संयुक्त राष्ट्र की अगुवाई में अनेक प्रकार के विविध आयोजन भी किये जाते है और मजदूरों को अन्तराष्ट्रीय मंच पर सम्मानित भी किया जाता है संयुक्त राष्ट्र बालश्रम पर भी निगरानी रखता है ।
मौजुद समय में मजदूर दिवस मनानें के औचित्य
मजदूर दिवस की शुरुआत बहुत ही पहले हो गया है लेकिन क्या मौजुदा समय में मजदूरों के सारें समस्याओं के हल हो चुका हंै । आज इस बात पर काम करनें के जरुरत हैं ।
आज भी मजदूरो के पास काफी सारें समस्यायें हैं जो की हल होने से पहलें ही दबा दिया जचा हैं । हालाँकी पहले की अपेक्षा में अव मजदूरों पर जूल्म कम भलें ही होगया होगा लेकिन यें हम पुरी यकिन के साथ नहीं कह सकतें की मजदूरों के सारें अधिकार उन्हें मिल गया हैं । पहले कें जैसा उनकी हालात भले ही ना हो, अब उस तरह की दिक्कतें ना हो । इस का मतलव यें भी तो नहीं की एकसाल में सिर्फ एकबार मनानें बालें लाखों मजदुरों के मजदुर दिवस के बालें खुसीया को छिन लिया जाए ।
मौजुदा समय में कुछ लोगों का मत है कि अब इस पर्व का कोई महत्व नहीं है । लेकिन हमें ये नहीं भूलना चाहिए कि अगर इस दिन की शुरुआत नहीं होती तो आज जिन अधिकारों का हम इतनी आसानी से इस्तेमाल करते हैं उनके बारे में सोच भी नहीं पाते और शायद आज भी कार्यालयों और फैक्ट्रियों में काम–काज की परिस्थितियां ठीक नहीं होतीं ।
अगर मजदूर दिवस के दिन एक–जुट होकर मजदूरों नें एकता नहीं दिखाते तो शायद आज भी हम हफ्ते के सातों दिन काम कर रहे होते और लाखों करोड़ों बच्चे भी बाल–श्रम का परेशानियाँ झेल रहे होते, और गर्भवती महिलाएं भी अवकाश पाने के लिए संघर्ष कर रही होतीं । अतः मजदूर दिवस के योगदान को भुलाना नहीं चाहिए और इस दिवस को हर्ष और उल्लास के साथ मनाना चाहिए ।