चारा घोटाला : आरजेडी सुप्रीमों लालू प्रसाद पर चलेगा आपराधिक साजिश का केस
*नई दिल्ली, (मधुरेश)*। देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट ने आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के खिलाफ चारा घोटाला मामले में अलग से ट्रायल चलाने की अनुमति दे दी है। जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस अमिताभ राय की बेंच ने रांची हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सीबीआई की अपील पर आज यह फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव के साथ पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा और पूर्व नौकरशाह सजल चक्रवर्ती के खिलाफ भी आपराधिक साजिश का केस चलाने का आदेश दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट ने तय कानूनों का उल्लंघन करते हुए लालू को राहत दी। सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को आदेश दिया कि वो लालू और अन्य आरोपियों के खिलाफ देवघर कोषागार से धन निकासी के मामले की सुनवाई तेजी से करे और ट्रायल नौ महीने में पूरा करें। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की इस बात के लिए आलोचना की कि उन्होंने अपनी प्रतिष्ठा का ख्याल नहीं रखा। हाईकोर्ट द्वारा लालू और अन्य आरोपियों के खिलाफ आपराधिक साजिश की धाराएं हटाने के खिलाफ अपील करने में सीबीआई ने देरी की।
रांची हाईकोर्ट ने लालू यादव के खिलाफ साजिश के आरोपों को हटा दिया था। लालू पर झारखंड के चाईबासा में ट्रेजरी से अवैध निकासी के मामले में ट्रायल कोर्ट द्वारा दोषी ठहराया जा चुका है। ट्रायल कोर्ट ने लालू को पांच साल की जेल की सजा सुनाई थी। यहां
बता दें कि सीबीआई ने 15 नवंबर 2014 को रांची हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की थी। सीबीआई ने कहा था कि हाईकोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ आपराधिक साजिश की धाराएं हटाकर गलती की। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि एक ही अपराध के लिए किसी व्यक्ति के खिलाफ दो बार ट्रायल नहीं चलाया जा सकता है। सुनवाई के दौरान लालू प्रसाद की ओर से सीबीआई द्वारा याचिका दायर करने में देरी करने पर सवाल उठाते हुए कहा गया था कि नब्बे दिन के अंदर याचिका दायर करनी होती है लेकिन ये 157 दिनों के बाद दायर किया गया है। सीबीआई ने देर से याचिका दायर करने की जो वजहें बताई हैं वो सही नहीं हैं। इसलिए देर से दायर करने पर उनकी याचिका खारिज होनी चाहिए। उन्होंने कहा था कि ये सीबीआई की याचिका है और सीबीआई एक मैन्युअल से निर्देशित होती है।
लालू यादव ने कहा था कि साजिश के आरोप कई बार नहीं लगाये जा सकते हैं। पैसों के हेरफेर की साजिश का मामला हो सकता है लेकिन कई साजिशों को रचने का नहीं। इस मामले में एक आरोपी सजल चक्रवर्ती ने कहा था कि उनके खिलाफ चाईबासा में दर्ज तीन एफआईआर में से एक में वे बरी हो चुके हैं। उनके खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है। एक ही किस्म के आरोप पर दो अलग-अलग मामले नहीं बन सकते हैं।
सुनवाई के दौरान सीबीआई की तरफ से सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार ने कहा था कि चारा घोटाला मामले में लालू प्रसाद देवघर से जुड़े मामले में दोषी हैं तो उन्हें चाईबासा मामले में कैसे आरोप मुक्त किया जा सकता है। रंजीत कुमार ने कहा कि हाईकोर्ट ने दोनों मामलों को एक दूसरे से अलग बताकर गलती की है। उन्होंने कहा कि दोनों ही मामलों में आरोप एक जैसे हैं।