काठमांडू, निकाय चुनाव २०७४ पर्यवेक्षण में जो देखा
१४ मई, २०१७ को चिरप्रतीक्षित स्थानीय निकाय चुनाव कराने की घोषणा से पूरे देश में हलचल बढ़ गई । कुछ दलों को छोड़कर कथित छोटी–बड़ी पार्टियां उम्मीदवारों की क्षमता आंकने में जुट गयीं । चुनाव आयोग भी प्रदेश नं. ३, ४, व ६ के २८३ स्थानीय निकायों के लिए जनप्रतिनिधि चयन करने में जुट गया । ध्यातव्य है कि प्रदेश नं. ३, ४, व ६ में जिलों की संख्या ३४ तथा कुल उम्मीदवारों की संख्या ४९,३३७ हैं । कुल प्रत्याशियों में १९,३३२ महिला प्रत्याशी हैं, वहीं पुरुष प्रत्याशियों की संख्या ३०,००५ है ।
भरा गया नामांकन का पर्चा
निर्वाचन आयोग नेपाल द्वारा जारी अधिसूचना और निर्धारित निर्वाचन की तिथि के तहत २०७४ वैशाख १६ (१४ मई, २०१७) गते को पहले चरण के लिए नामांकन पत्र दाखिला किए गए । इसमें प्रदेश नं. ३, ४ व ६ के ३४ जिलों के नगरपालिका व गांवपालिका के होनेवाले चुनाव में उम्मीदवारी के लिए विभिन्न दलों द्वारा नामांकन का पर्चा भरा गया और नामांकन का परचा दाखिला किए जाने के बाद स्कूटनींग भी की गयी । इस चुनाव में पुरुषों की अपेक्षा महिलाएं अधिक सक्रिय दिखी । घर की चारदिवारी को पार कर सियासत में अपनी पहचान बनाने व कुछ बेहतर करने की उम्मीद लेकर आगे निकली ।
प्रत्याशियों के नाम तय होते ही बढ़ी थी चुनावी सरगर्मी
‘आपके एक–एक मत का महत्व है । आपका एक मत वार्ड की दिशा व दशा तय कर सकता है । एक मत से अच्छा प्रत्याशी चुनाव हार सकता है, जिसका खामियाजा वोटरों को लंबे समय तक झेलना पड़ सकता है । ऐसे में शतप्रतिशत वोटिंग को सुनिश्चित करें ।’
यह चुनावी नारा था उम्मीदवारों का, जो प्रथम चरण के दौरान वार्ड के हर मुहल्लों में लगाया जा रहा था । मौसम के मिजाज में ज्यों–ज्यों गर्मी बढ़ती जा रही थी, त्यों–त्यों निकाय चुनाव की सरगर्मी भी तेजी होती जा रही थी । गत वैशाख ३१ को हुए निकाय चुनाव को लेकर चौक–चौराहे पर चाय की चुस्की के साथ चुनावी चर्चा जोर पकड़ने लगी थी । इन दिनों एक प्रत्याशी के द्वारा तैयार किया गया घोषणापत्र चर्चा का विषय बना हुआ था । इसकी साज–सज्जा आकर्षक तरीके से की गयी थी । उसमें आगामी दिनों में किये जानेवाले कार्यों का जिक्र योजनावार किया गया था और घोषणापत्र को मतदाताओं तक पहुंचाया जा रहा था । किसी का कहना था कि महानगर का मेयर बन जाता तो सबसे पहले सड़कों को दुरुस्त करा कर दोनों किनारों पर छायादार पेड़ लगवाते, किसी का कहना था कि पगडंडि़यों पर लगी बाजार हटाकर सभी जगहयवस्थित कराते । किसी का कहना था कि ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करने वाले एवं सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ सख्त कानून बनाते । किसी का कहना था कि वार्ड के हर गलियों में पक्की रोड़ कीयवस्था करते, वगैरह–वगैरह । इसी प्रकार महिला प्रत्याशी भी वोट मांगने के लिए सीधे घर में प्रवेश कर महिलाओं के बीच बैठकर चुनाव जीतने के बाद अपनी योजनाओं को बता रही थी । साथ ही उसने आपसी लगाव जोड़कर बहू, बेटी, भाभी, चाची कह कर अपने पक्ष में उन्हें लामबंद कर रही थी ।
इतना ही नहीं, चुनाव के दौरान महानगर में सामाजिक सौहाद्र का माहौल भी बना हुआ था । कहीं भी कोई मिले तो आप से आप का व आपके परिवार का कुशल क्षेम पूछना नहीं भूलता था । किसी के यहां शादी–समारोह हो, श्रद्ध हो या अन्य प्रकार का समारोह ही क्यों न हो, सामाजिक एकता देखते ही बनती थी । वैशाख की प्रचण्ड धूप में अगर आप किसी कार्य से बाजार निकले हों, तो आपके आगे आपको मोटरसाइकिल और अन्य गाडि़यों से लिफ्ट भी मिल जाती थी । क्या अमीर क्या गरीब ? क्या कर्मचारी क्या मजदूर ? एक समान हो गये थे । हर लोगों में एक समान होने का कारण निकाय चुनाव था । प्रत्याशी और समर्थक एक दूसरे के बहुत निकट थे । उम्मीदवार और उनके कार्यकर्ता इस जतन में थे कि किसी तरह एक–एक वोट उनके झेली में आए ।
मतदाताओं में रहा उत्साह
मतदान के दौरान मतदाताओं में जबर्दस्त उत्साह देखा गया । सुबह छह बजे से ही बूथों पर मतदाताओं की लंबी–लंबी कतारें लग गयी थीं । आधी–आबादी ने बढ़–चढ़ कर मतदान में भाग लिया । यहां तक कि बुजूर्ग महिलाओं ने भी पूरे उत्साह से अपने मताधिकार का प्रयोग किया । चलने में अक्षम बुजूर्ग मतदाताओं के परिजनों ने उन्हें निजी साधनों से बूथों तक पहुँचाया था । कई बुजूर्ग मतदाता परिजनों की गोद में बैठकर मतदान केन्द्र तक पहुंचे ।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए दिखा सुविधा का अभाव
नव आदर्श माध्यमिक विद्यालय केन्द्र बसन्तुपर (वार्ड नं. २३) मतदान केन्द्र में मतदाताओं के लिए सुविधाएं नदारद थीं । महज एक बड़ा टेन्ट लगाकर दो–चार गैलन पानी (स्थानीय संस्थाओं के द्वारा) रख दिया गया था । वार्ड नं. १३, १५, १७, १९ व २० में भी असुविधा के बीच कड़ी धूप में मतदाताओं को अपने अधिकार का प्रयोग करते देखा गया । वार्ड नं. १५ (शोभा भगवती मतदान केन्द्र, विजेश्वरी) में वरिष्ठ नागरिक के रूप में मतदान करने आए हीरा महर्जन (७५) द्वारा सुविधा मांग करने पर उन्हें अलग से मतदान करने की सुविधा नहीं प्रदान की गई । बसन्तपुर मतदान केन्द्र में एक विकलांग मतदाता को स्थानीय संस्था की पहल में ह्वीलचेयर में बैठाकर मतदान केन्द्र तक पहुंचाया गया ।
कड़ी सुरक्षायवस्था
काठमांडू उपत्यका में स्थानीय निकाय चुनाव, २०७४ के तहत वैशाख ३१ को प्रथम चरण के चुनाव में ६५ प्रतिशत मत पड़े । तीखी धूप और बदन झुलसा देनेवाली गर्म हवा के बावजूद वोटरों का उत्साह ऐसा था कि मौसम की तपिश भी लजा गई । निष्पक्ष व भयमुक्त चुनाव कराने के लिए सुरक्षाकर्मी (सेना, पुलिस व सशस्त्र) दिन भर सड़कों पर गश्त करते नजर आये । चौक चौराहों पर बाइक व अन्य गाडि़यों की जांच हो रही थी । निर्वाचन पर्यवेक्षक, उम्मीदवार की गाडि़योंं तथा एम्बुलेन्स को छूट दी गयी थी । इजाजत प्रमाणपत्र बगैर चलने वाली गाडि़यों को पकड़ कर सुरक्षाकर्मियों द्वारा थाने के हवाले कर दिया गया । कई जगहों पर हल्की–फुल्की झड़प भी हुई । अशान्ति फैलाने के आरोप में दो सौ से अधिक लोग हिरासत में लिए गए । चुनाव के दौरान शहर की दुकानें बंद रही, कम संख्या में दुकानें खुली दिखी । हर तरफ चुनाव की चर्चा रही । सड़कों पर वाहनों का परिचालन नहीं था । सड़कों पर एक तरह से सन्नाटा पसरा हुआ था । दूरदराज से आनेवालों को वाहनों के परिचालन नहीं होने से समस्या झेलनी पड़ी । अपने गंतव्य तक जाने के लिए गर्मी के दौरान परेशानियां उठानी पड़ी । वाहनों के परिचालन नहीं होने के कारण पैदल ही चलना पड़ा । जो भी हो, काठमांडू, ललितपुर व भक्तपुर में पहले चरण में छिटपुट घटनाओं को छोड़कर वोटिंग शान्तिपूर्ण हुई । मुख्य चुनाव आयुक्त डॉ. अयोधी प्रसाद यादव ने भी प्रेस कांफ्रेंस के जरिये बताया कि छिटपुट घटनाओं को छोड़कर मतदान शान्तिपूर्ण सम्पन्न हुआ ।
जीत की घोषणा के साथ जश्न शुरु
काठमांडू महानगर की मतगणना राष्ट्रीय सभागृह में हुई । मतदान केन्द्र के अंदर जाने के लिए गेट पर ही सुरक्षाकर्मी पूरी तरह मुस्तैद थे । काउंटिंग एजेंटों, पर्यवेक्षकों व मीडियाकर्मियों को पास दिखाने के बाद ही लाइन से अंदर जाने की इजाजत सुरक्षाकर्मी दे रहे थे ।
आठ बजते सभागृह गेट के आगे समर्थकों का हुजूम उमड़ पड़ा था । इस बीच प्रशासनिक अधिकारी भी मतगणना के लिए तैयार हो चुके थे । आठ बजते ही काउंटिंग शुरु हो गयी । सभागृह केन्द्र पर मतगणना हो रही थी । बाहर खड़े लोग रिजल्ट सुनने को इस कदर बेताव थे कि बीच–बीच में शोरगुल करते रहे । लेकिन तैनात पुलिस भीड़ को दूर करती रही । मतगणना केन्द्र के बाहर दिन भर जाम की समस्या से शहरवासी परेशान रहे । प्रत्याशियों के वोट का रुझान जानने के लिए भारी संख्या में लोग केन्द्र के सामने एकत्र हुए थे । ट्रैफिक की लचरयवस्था से भी जाम की समस्या गम्भीर बनी रही । रिजल्ट की घोषणा शुरु होते ही लोग खुशी से उछल पड़ते थे । समर्थक जीत के जश्न में डूबते उतारते रहे । गाजे बाजे के साथ विजय जुलूस समर्थकों ने निकाला । खूब अबीर गुलाल उड़ाये । इस दौरान काठमांडू के मुख्य मार्ग से समर्थकों के हुजूम के जाम से भी लोग जूझते रहे । विजय जुलूस व जीत का जश्न मनाने का दौर दिनभर हर मुहल्लों में चलता रहा ।
उम्मीदवार कैसा हो ?
संवैधानिकयवस्था में मतदाता को विशेष अधिकार है कि वोटर अपने मत का प्रयोग कर प्रतिनिधि चुने, जिसकी कार्य क्षमता पर वार्ड एवं समाज के विकास का भविष्य टीका है । ऐसे में मतदाताओं की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है । चुनाव आने पर प्रत्याशी समर्थन पाने के लिए जनता से कई वादा करते हैं, लेकिन जीतने के बाद विकास के एजेंडे अक्सर पीछे छुट जाती है । ‘उम्मीदवार कैसा हो ?’ इस सन्दर्भ में महानगर के वार्ड नं. १५, १७, १९ व २० के मतदाताओं से बातचीत की थी । पेश है बातचीत का संपादित अंश–
विकास का मुद्दा वार्ड की पहली प्राथमिकता है । इसके लिए महानगरपालिका में मेयर की दावेदारी करनेवाला प्रतिनिधि योग्य होना चाहिए, जो भेदभाव से ऊपर उठकर वार्ड का विकास एवं समस्याओं का निदान करे । – रत्न शाक्य (वार्ड नं.१५)
प्रत्याशी स्वच्छ छवि का हो, जो वार्ड के विकास के साथ–साथ युवाओं के लिए रोजगार कीयवस्था करे ।– विमला महर्जन (वार्ड नं. १५)
सरकारी योजनाओं का लाभ जन–जन तक पहुंचाने वाला शिक्षित, ईमानदार एवं योग्य उम्मीदवार होना चाहिए, जो समस्याओं का प्रमुखता से निदान कराये । – संगीता महर्जन (वार्ड नं. १७)
जात–पात से ऊपर उठकर वार्ड के विकास में रुचि रखने वाला शिक्षित एवं योग्य उम्मीदवार होना चाहिए । – पूनम शाही (वार्ड नं. १७)
स्वस्थ समाज निर्माण के लिए प्रतिनिधित्व करने वालेयक्तित्व की छवि स्वच्छ एवं ईमानदार होना जरूरी है, तभी समाज में शान्तियवस्था कायम होगी ।
– कृष्ण खड़गी (वार्ड नं. १९)
उम्मीदवार को आपराधिक प्रवृत्ति का नहीं होना चाहिए । इससे सामाजिक भाईचारे व अमनचैन प्रभावित होगा । उम्मीदवार स्वच्छ छवि, ईमानदार व कर्मठ होना चाहिए । – रिकेश शाही (वार्ड नं. २०)
निकाय चुनाव में इस बार वार्ड के विकास के लिए सोच रखने वाले प्रत्याशी को ही वोट करेंगे । प्रत्याशी के पास पार्षद बनने की स्थिति में विकास के लिए स्पष्ट विजन होना चाहिए । ऐसा न कि जनता से सिर्फ लंबे चौडेÞ वायदे कर वोट ले ले ।
– राजीव महर्जन (वार्ड नं. २०)
