हवा में उडते सभासद
पिछले तीन वर्षों के दौरान हमारे सभासदों ने संविधान तो नहीं बनाया लेकिन उनके लिए सभासद बनना, ऐशो आराम, शान की जिंदगी, वीवीआईपी टि्रटमेण्ट और विदेश की सैर में कोई कमी नहीं आई । आम नेपाली जनता के अनुरुप तीन वर्षमें संविधान नहीं बना तो क्या हुआ हमारे माननीय सभासदों ने इसी बहाने विदेशों की खूब सैर की है । विभिन्न दातृ निकाय तथा गैर सरकारी संस्था -एनजीओ व आईएनजीओ) की सक्रियता में विदेश भ्रमण करने वाले कई सभासदों ने तो इसकी औपचारिक जानकारी संसदीय सचिवालय को देने की जरुरत भी नहीं समझी । अध्ययन भ्रमण, गोष्ठी, सेमिनार व विभिन्न कार्यक्रमों के बहाने विदेश घूमने वाले सभासदों की वास्तविक जानकारी संसदीय सविचलाय के पास भी नहीं है ।
विदेश भ्रमण करने के लिए संविधान सभा चुनाव से लेकर अब तक चार सौ सभासदों ने डिप्लोमैटिक पासपोर्ट लिया है । अधिकांश सभासदों ने अपने व्यक्तिगत पहुँच, सर्ंपर्क, प्रभाव के आधार पर ही विदेश भ्रमण किया है । नेपाल में सक्रिय रहे विभिन्न एनजीओ और आईएनजीओ के माध्यम से विदेश जाने वाले सभासद उसी संस्था के लिए यहाँ लाँविंग करते हैं और उनके लिए विदेशों से डाँलर की बरसात करवाने में मदत करते है ।
संविधान सभा का जो कार्यकाल पिछले वर्षबढाया गया था उस दौरान संविधान सभा की बैठक मुश्किल से डेढÞ घण्टा हर्ुइ लेकिन हमारे सभासदों का अधिकांश समय पाँच सितारा होटलों में आयोजित संविधान संबंधी किसी ना किसी कार्यक्रम में उनकी उपस्थिति अवश्य होती रही है ।
संसद सचिवालय स्रोत के अनुसार इसके अलावा और भी कई दातृ निकाय व आईएनजीओ है, जो सभासदों को विदेश की सैर करवाते हैं । विदेशी नियोग तथा अन्तर्रर्ाा्रीय दातृ संस्था ने स्थानीय एनजीओ मार्फ भ्रमण का संयोजन व सभासदों का चयन करते हैं ।