बिहार में महागठबंधन टूटा भाजपा का चार साल बाद अागमन
पटना, २७ जुलाइ
बिहार में महागठबंधन टूट गया। नीतीश कुमार फिर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के साथ हो गए हैं। लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार की राजनीतिक दोस्ती 20 महीने में बिखर गई। भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे लालू परिवार के अडि़यल रवैये से परेशान नीतीश कुमार ने बुधवार शाम को बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। अब वह गुरुवार सुबह दस बजे राजग के समर्थन से बिहार में नई सरकार बनाएंगे। राजग भी उनकी सरकार में शामिल होगी। देर रात नीतीश कुमार, सुशील मोदी और जीतनराम मांझी ने राज्यपाल से मिल सरकार बनाने का दावा पेश किया। गुरुवार को होने वाले शपथग्रहण में नीतीश कुमार और सुशील मोदी ही शपथ लेंगे।
शुक्रवार 28 जुलाई को नीतीश विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश करेंगे। चार साल बाद बिहार में फिर जदयू-भाजपा की सरकार बन रही है। शपथग्रहण समारोह में पीएम मोदी के भी शामिल होने की संभावना है। वहीं लालू और तेजस्वी ने मीडिया से बातचीत में दावा किया कि राज्य में सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को सरकार बनाने का मौका पहले मिलना चाहिए।
बुधवार को बदल गई बिहार की राजनीति :
7 जुलाई को लालू प्रसाद के घर पर सीबीआइ का छापा पड़ा था। उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी आरोपी बनाए गए। भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस का झंडा उठाए नीतीश ने तेजस्वी से कहा कि जनता में सफाई दें। लालू प्रसाद और तेजस्वी जिद पर अड़े थे। बार-बार कहा कि इस्तीफा नहीं देंगे। बुधवार को नीतीश कुमार ने फैसला किया कि अब ऐसा नहीं चल सकता। जदयू विधायकों की बैठक बुलाई गई। फिर शाम सवा छह बजे नीतीश कुमार अकेले ही राजभवन पहुंचे। प्रभारी राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी एक दिन पहले ही पटना पहुंचे थे। नीतीश ने उनको इस्तीफा सौंप दिया, जिसे मंजूर भी कर लिया गया। बाहर निकले नीतीश ने कहा कि मैं सब चीजों को झेलता रहा, लेकिन अब संभव नहीं था।