पचास पचास काेस पर बच्चा राेता है ताे माँ कहती है चुप हाे जाअाे नहीं ताे गब्बर अा जाएगा । अाज है २५ वीं पूण्य तिथि
मुंबई।
पचास पचास काेस पर बच्चा राेता है ताे माँ कहती है चुप हाे जाअाे नहीं ताे गब्बर अा जाएगा । अपने पहले ही फिल्म से अपने अभिनय का लाेहा मनवाने वाले अमजद खान की अाज है पूण्य तिथि । अमजद ख़ान (जन्म: 12 नवम्बर 1940, मृत्यु: 27 जुलाई 1992) ने अपने लंबे अभिनय सफर में लगभग 200 फ़िल्मों में काम किया। इसके साथ ही अंग्रेजी की एक फ़िल्म ‘द परफेक्ट मर्डर’ में भी उन्होंने एक सेठ का किरदार निभाया। वे विलेन की भूमिका को दमदार तरीके से निभाने के लिए प्रसिद्ध हुए। आइये जानते हैं उनके बारे में कुछ और दिलचस्प बातें।
अमजद ख़ान के बारे में माना जाता है कि वे राजनीति से दूर एक सच्चे और सीधे इंसान थे। अपने साथी कलाकारों में उनकी लोकप्रियता का अनुमान इससे लगाया जा सकता है कि वे दूसरी बार सिने आर्टिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष चुने गए थे। अमजद को निजी ज़िंदगी में जिस तरह ‘शोले’ ने उठाया उसी तरह ‘द ग्रेट गैम्बलर’ ने नीचे भी ला दिया। फ़िल्म द ग्रेट गैम्बलर की शूटिंग के दौरान गोवा से मुंबई आते समय एक कार दुर्घटना में उनके शरीर की हड्डियां टूट गई। किसी तरह वे बच गए, लेकिन दवाइयों के असर ने उन्हें भारी भरकम बना दिया, जिस कारण वे कैमरे के लैंस में मिस फिट होने लगे। उन्हें काम भी कम मिलने लगा था। खासकर मोटे किरदार में उन्हें लिया जाता था।