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काठमांडू, १६ भाद्र ।
२५० सालों से ज्यादा का है, नेपाली सेना का इतिहास । पहले तो कल्पना भी नहीं की जाती थी कि महिला भी सेना शामील हो सकती है । लेकिन अब जमाना बदल गया है । अब महिला, नेपाली सेना के भीतर सिर्फ सिपाही नहीं, उच्च पद में भी पहुँच सकती है । इसके लिए कानुनी प्रावधान पूरा चुका है ।




इतिहास देखे तो नेपाली सेना में वि.सं. २०१७ साल से महिलाओं ने अवसर प्राप्त की है । उस समय महिलाओं की जिम्मेदारी सैनिक उपचारिका में सिमित था । वि.सं. २०२१ से प्यारा फोहडर, ०२५ साल से चिकित्सक, ०५४ साल में सिपाही होते हुए वि.स.. ०६० साल से महिलाओं ने सेना के अन्दर इन्जिनियर, कर्मचारी तथा साधारण सेवा में अवसर प्राप्त किया है ।
वि.सं. २०७४ साल में जिन महिलाओं ने सैनिक कमाण्ड तथा स्टाप कलेज प्रवेश किया है, वह महिला अब प्रधानसेनापति पद के लिए हकदार एवं प्रतिस्पर्धी बन सकती है । हां, स्टाफ कलेज उत्तीर्ण करने के लिए जटिल और चुनौतीपूर्ण है । स्टाफ कलेज उत्तीर्ण करने के लिए आन्तरिक तथा बाह्य सुरक्षा अवस्था मूल्यांकन, आन्तरिक योजना निर्माण और उसका कार्यान्वयन क्षमता अभिवृद्धि के लिए भूमिका निर्वाह करना पड़ता है ।
नेपाली सेना में महिला नेतृत्व विकास के लिए महिला गुल्म भी स्थापना हो चुकी है । गोरखकाली महिला गुल्म के लिए गुल्मपति मेजर सृष्टि खडका हैं । उक्त गुल्म में खडका के नेतृत्व में अभी १ सौ ४० महिला सैनिक हैं । हाल नेपाली सेना में कार्यरत महिलाओं में सबसे ज्यादा सिपाही है । यह समाचार आज प्रकाशित राजधानी दैनिक में हैं ।



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